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Haryana: गुरुघर से माथा टेक लौट रहे व्यक्ति को ऐसे आई मौत, बाइक चलती रही… पीछे बैठे बुजुर्ग की चली गई जान

हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब गुरुद्वारा से माथा टेक कर बाइक पर पानीपत अपने गांव खोतपुरा लौट रहे सेवानिवृत्त थर्मल कर्मी बलबीर सिंह (71) पर पेड़ का टहनी टूट कर गिर गई।

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Haryana: डीजीपी ओपी सिंह ने विदेश में बैठे गैंगस्टरों को दी खुली चेतावनी, पुलिस जवानों को भी दे डाली नसीहत

हरियाणा पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने विदेश में बैठे गैंगस्टरों को खुली चुनौती दी है।

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सिरसा में कागदाना जलघर पर ग्रामीणों ने जड़ा ताला:धरना देकर बैठे, बोले- पेयजल की आपूर्ति पूरी तरह ठप, जेई ने खुलवाया

सिरसा जिले के गांव कागदाना में गंभीर पेयजल किल्लत के चलते ग्रामीणों ने जलघर के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के ठोस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने ताला खोला और अपना धरना समाप्त किया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के जलघर की डिग्गियां खाली पड़ी हैं और पानी की मोटर भी खराब है, जिसके कारण घरों में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप है। इस समस्या से ग्रामीण लंबे समय से जूझ रहे थे। पानी की कमी से दिनचर्या प्रभावित उन्होंने बताया कि खेतों में काम का समय चल रहा है, ऐसे में ग्रामीण महिलाओं को पहले पीने के पानी का इंतजाम करना पड़ता है और फिर वे खेतों में काम पर जा पाती हैं। पानी की कमी से उनकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सूचना मिलने पर जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ संदीप कुमार और जेई अश्विनी कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को मोटर ठीक करवाने और पीने के पानी की समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने ताला खोल दिया और धरना स्थगित कर दिया। यह लोग रहे धरने पर मौजूद धरने पर बैठे ग्रामीणों में सरपंच प्रतिनिधि मांगेराम बैनीवाल, जिला पार्षद प्रतिनिधि भूपेंद्र बैनीवाल, डॉ. धर्मपाल गढ़वाल, नरसी घोटड, कालू खान, बूथ प्रधान भाजपा चंद्रभान शर्मा, राजकुमार गैदर, विकास बैनीवाल, कामरेड ओमप्रकाश बैनीवाल, पंचायत सदस्य अकबर खान, पूर्व कानूनगो राकेश शर्मा, सुरजीत कूकना, राजपाल सोनी, पूर्व उप सरपंच तुलसीराम शर्मा, रवींद्र बैनीवाल, लीलाधर गढ़वाल, शेर सिंह शर्मा, मदन लाल शर्मा, पूर्व ब्लॉक सदस्य हरिसिंह घोटड, पंचायत सदस्य अरविंद्र गैदर, पंचायत सदस्य होशियार सिंह, कपिल सुथार, डॉ. हनुमान गढ़वाल, रणजीत गैदर और पवन मांजू सहित कई ग्रामीण शामिल थे।

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हरियाणा के मंत्री विज का तंज: राजनीति के बजाय नया कारोबार ढूंढ रहे राहुल गांधी, किसी काम में नहीं फिट बैठ रहे

हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने दिवाली के बाद हरियाणा में प्रदूषण पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से किए गए ट्वीट पर कड़ा प्रहार किया।

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करनाल में किसानों के बीच जमीन पर बैठे अजय:चौटाला बोले-मिलर की फाइल क्लियर करने रिश्वत की मांग, औने-पौने दामों पर बिक रही फसल

करनाल में किसानों ने नई अनाज मंडी के बाहर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान जेजेपी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अजय सिंह चौटाला किसानों के बीच जमीन पर ही बैठ गए। किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, भाकियू के प्रदर्शन इसी तरह से चलते रहेंगे। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि किसानों की फसलों पर बाढ़ और बरसात की मार पड़ी, लेकिन उन्हीं फसलों को आज औने पौने दामों पर खरीदा जा रहा है। सरकार एमएसपी की बात कह रही है, लेकिन फसल को 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल कम दाम पर खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिलर की फाइल क्लियर करने के लिए दो-दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। सरकार बिना पर्ची और खर्ची की बात कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। हरियाणा में जंगल राज हो चुका है और कानून नाम की कोई चीज नहीं है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को विदेशों में बैठे गैंगस्टर धमकियां देते हैं। मुख्यमंत्री कहते है कि हमने उन लाेगाें को सिक्योरिटी दे दी, जिनको धमकी मिली थी। अब सवाल यह है कि उन लोगों को तो सिक्योरिटी दे दी, लेकिन आम जनता कहां पर सुरक्षित है। इनेलो और जेजेपी के विलय पर बोले अजय अजय चौटाला ने कहा कि भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है, यह न तो मुझे पता है और न ही किसी ओर को। रणजीत चौटाला परिवार का एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं, इस पर अजय चौटाला ने कहा कि चौधरी रणजीत सिंह परिवार के मुखिया हैं, वे पहल करें, मैं उनके साथ हूं, मुझे बाकियों का नहीं पता, लेकिन मैं उनके साथ हूं। क्योंकि ओपी चौटाला मुखिया थे, उनके जाने के बाद अब चौधरी रणजीत सिंह मुखिया है। वो पहल करें मैं उनके साथ खड़ा हूं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर कसा तंज अजय चौटाला ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष चुन तो लिया, 11 साल में कांग्रेस ने संगठन बनाया है, अब प्रदेश में कांग्रेस के 37 विधायक होते हुए 11 महीने बाद प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी लीडर चुना गया है। कांग्रेस के ही लोग कुलदीप शर्मा, प्रोफेसर संपत सिंह जैसे नेता जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे है, मुझे तो कांग्रेस की जूतियों में खीर बंटती हुई नजर आ रही है। अडाणी और अंबानी चला रहे सरकार अजय चौटाला ने कहा कि अब तो अमित शाह ही बेहतर बता सकते है कि बीजेपी के राज में कहां विकास हुआ है? अगर विकास हुआ है, तो वह अडाणी और अंबानी का हुआ है। कहने को तो बीजेपी की सरकार है, लेकिन वास्तव में सरकार तो अडाणी और अंबानी चला रहे है। आज पूरे देश के पोर्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तक अडाणी और अंबानी को दे दिए। करोड़ों और अरबों की संपति पर मॉल बनाए जा रहे है, प्रॉपर्टी बना रहे है।

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हरियाणा की डिजिटल उड़ान: लोगों को घर बैठे मिलेगी सुविधा, सीएम सैनी ने लॉन्च किया पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम

हरियाणा में डिजिटल क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।

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महेंद्रगढ़ में विधायक के आश्वासन के बाद धरना समाप्त:विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों से धरने पर बैठे थे बुचौली के ग्रामीण

हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव बुचौली ग्रामीणों की ओर से गांव की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर चल रहा धरना दूसरे दिन शाम को विधायक के आश्वासन के बाद समाप्त हाे गया। ग्रामीण गांव की विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना दे रहे थे। शुक्रवार को गांव बुचौली के ग्रामीणों ने गांव की समस्या की मांग को लेकर पांच दिवसीय सांकेतिक धरना शुरू किया गया था। ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो भूख हड़ताल की जाएंगी। ग्रामीणों का कहना था कि गांव की फिरनी बदहाल हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। कई बार गांव की समस्या को लेकर सरपंच व अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि गांव से कोई महेंद्रगढ़ के लिए बस सेवा नहीं है। ऐसे प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रहीं है। सबसे अधिक परेशानी विद्यार्थियों को उठानी पड़ रहीं है। गांव के काफी छात्राएं शिक्षा करने के लिए शहर जाती है, बस के अभाव में अनहोनी होने का डर बना रहता है। शहीद स्मारक का नहीं हुआ निर्माण ग्रामीण पंकज राव ने बताया कि आठ मई 1988 को गांव का सैनिक जयदयाल श्रीलंका से युद्ध के दौरान शहीद हुआ था, लेकिन 37 वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से शहीद के सम्मान में शहीद स्मारक नहीं बनाया गया। ग्रामीण कई बार सरकार के सामने शहीद स्मारक बनवाने की मांग रख चुके हैं, लेकिन किसी सरकार में उनकी मांग पूरी नही हुई। ग्रामीणों की यह थी मांगे धरना देने वाले ग्रामीणों की मांग है कि सरकार के द्वारा नियमित रूप से शहर महेंद्रगढ़ के लिए बस की सुविधा मुहैया की जाए। गांव में डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाए। गांव की फिरनी पक्की की जाए। गांव में आधुनिक पार्क की सुविधा व ग्राउंड बनाया जाए, जिम की सुविधा अपग्रेड करके सभी मशीनों की पूर्ति की जाए। मिर्जा वाले से सिगड़ा तक रोड बनाया जाए। कपास और बाजरे का मुआवजा जल्द से जल्द जारी किया जाए। सरपंच प्रतिनिधि ने कराई विधायक से बात ग्रामीणों के धरने की सूचना के बाद सरपंच प्रतिनिधि धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की मांग को विधायक कंवर सिंह यादव के समक्ष रखा। विधायक ने फोन पर ग्रामीणों की मांग को जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि गांव फिरनी को जल्द ठीक कराया जाएगा।

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रोहतक में यशपाल मलिक ने रामचंद्र जांगड़ा को कहा कबूतर:बोले, जिसके पेड़ पर बैठे, उसी के गुण गाते, भाईचारा यात्रा को डेंट करना उनका विरोध

रोहतक में गांव जसिया स्थित छोटूराम धाम पहुंचे जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक यशपाल मलिक ने भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा को घेरा। यशपाल मलिक ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा वो कबूतर है जिसने सारी डाल गा धरी। जिसके पेड़ पर बैठा, उसी के गुण गाते हैं। इन्हें लोगों से कोई मतलब नहीं, बस अपनी राजनीति करनी है। यशपाल मलिक ने कहा कि 1990 में नहीं पता कि रामचंद्र जांगड़ा किस पार्टी के साथ था, कांग्रेस या लोकदल में, क्योंकि वह भाजपा में तो नहीं था। अगर 1990 में रामचंद्र जांगड़ा था तो उस समय विरोध करना चाहिए था। लेकिन उस समय तो एमएलए बनना था, राज्यसभा चाहिए थी। यशपाल मलिक ने कहा कि राजकुमार सैनी या रामचंद्र जांगड़ा उस प्रकार के कबूतर हैं, जो अपनी जाति के साथ-साथ पूरे हरियाणा का नुकसान करते हैं। रामचंद्र जांगड़ा से कहना चाहिए कि जब हरियाणा जल रहा था तो उसने विरोध क्यों नहीं किया। विरोध में धरने पर क्यों नहीं बैठा। क्यों हरियाणा को जलने दिया। जिस जाति की तरफ से इशारा कर रहे हो, उसका इससे क्या मतलब है। लोगों के सामने गलत तथ्य कर रहे पेश यशपाल मलिक ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा लोगों के सामने गलत तथ्य पेश कर रहा है। 1998 में जो गुरनाम सिंह आयोग बनकर आरक्षण मिल गया था। रामचंद्र जांगड़ा कभी सही तथ्य नहीं देगा क्योंकि यह बीसी-ए की जातियों को भड़काकर वोट लेते है। बीसी-ए में कोई इतनी बड़ी जातियां नहीं है, जो संख्या में अधिक हो। उनका शोषण ये लोग करके अपना घर भरते हैं। भाईचारा यात्रा को डेंट करना रामचंद्र जांगड़ा का विरोध यशपाल मलिक ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा का पता कर रहे हैं कि वह किस पार्टी में था। उसका आज तक क्या विरोध था। जो भाईचारा यात्रा निकाल रहे हैं, क्या उसको डेंट करना इनका विरोध है कि भाईचारा ना बने। रामचंद्र जांगड़ा 2016 में किस पार्टी में था। भाजपा में था तो तब भी उन्हें कहना चाहिए था राजकुमार सैनी को कि भाई तु ऐसा काम क्यों कर रहा है। राजकुमार सैनी को क्यों नहीं रोका यशपाल मलिक ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा ने 2016 में क्यों सांसद राजकुमार सैनी को नहीं रोका कि भाई तु ऐसा काम क्यों कर रहा है। 2014 में जब तक आरक्षण मिला, तब भी प्रदेश में कोई विरोध नहीं था। देश में आरक्षण मिला, तब भी कोई विरोध नहीं था। लेकिन राजकुमार सैनी ने माहौल को खराब किया। 2016 के दंगों की पटकथा किसने लिखी यशपाल मलिक ने कहा कि भाजपा ने किस प्रकार से राजकुमार सैनी को खड़ा किया, किस प्रकार षड़यंत्र रचा, किस प्रकार दंगे व लूटपाट हुई। 2016 के दंगों की पटकथा किसने लिखी, किसने वहां मीटिंग की, दंगे में कौन शामिल था, दंगे किसने करवाए, शहर जो लूटा, उसका सामान किसके घर से मिला, वो सारी रिपोर्ट सबके पास है। तोड़, फोड़ व हिंसा, आंदोलन नहीं होता यशपाल मलिक ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा इस प्रकार किसी की बदनामी ना करें। राजनीति करें, लेकिन ओच्छी राजनीति ना करें। तोड़, फोड़ व हिंसा, आंदोलन नहीं होता। यह कोई आंदोलन नहीं था, इससे बड़े-बड़े कई आंदोलन हुए है, लेकिन कभी हिंसा नहीं हुई। यह लोगों को बदनाम करने का प्रयास किया गया।

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झज्जर में आदित्य देवीलाल ने सरकार पर साधा निशाना:जलभराव को लेकर बोले, लोग डूब रहे मंत्री घरों में दुबके बैठे हैं

इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने बेरी क्षेत्र के गावों का दौरा करते हुए मौजूदा सर सरकार किसानों को जल्द खराब फसल का मुआवजा दे डबवाली से विधायक आदित्य देवीलाल ने बरसात से जलमग्न हुए किसानों के खेतों को लेकर कहा कि सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली। गावों में किसानों के खेत डूबे पड़े हैं, फिर भी कोई सरकार का नुमाइंदा इनसे मिलने नहीं आया है। उन्होंने बहादुरगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सरकार व प्रशासन चाहता तो आज बहादुरगढ़ के लोग बाढ़ को नहीं झेलते। उन्होंने जलभराव से किसानों की खराब फसल का मुआवजा दिए जाने की भी मांग उठाई है।

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