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पानीपत सिविल अस्पताल में शवगृह की लचर व्यवस्था:आधे डीप फ्रीजर खराब, पोस्टमार्टम में घंटों देरी से परिजन परेशान

पानीपत के सिविल अस्पताल में शवगृह ( पोस्टमार्टम) की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। कई दिनों से यहां डीप फ्रीजर खराब पड़े होने के कारण सड़क हादसों या अन्य कारणों से मृत लोगों के शवों को सुरक्षित रखने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में देरी के कारण परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। अस्पताल के लोगों ने बताया कि सिविल अस्पताल के शवगृह में कुल 16 डीप फ्रीजर लगे हुए हैं। जिनमें से 6 से 7 फ्रीजर लंबे समय से खराब चल रहे थे। बार-बार मरम्मत करवाने के बावजूद इनमें तकनीकी खराबी बनी रहती है जिससे कई बार शवों को अस्थायी रूप से सामान्य तापमान पर रखना पड़ता था। इससे शवों के सड़ने की संभावना बढ़ जाती थी जो परिजनों और अस्पताल प्रशासन दोनों के लिए परेशानी का कारण बनती थी। सिविल अस्पताल के सीएमओ ​डॉ. विजय मलिक ने बताया कि डीप फ्रीजर सहीं कराने के लिए पता लिखा है। जल्द ही इसको सहीं कराया जाएगा। जिससे किसी को परेशानी नहीं हो। विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि विभाग को लगातार इस समस्या की जानकारी दी जा रही थी। अंततः स्वास्थ्य विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए चार नए डीप फ्रीजर अस्पताल में भेजे हैं। नए फ्रीजरों के लगने के बाद उम्मीद है कि अब शवों के संरक्षण में दिक्कतें काफी हद तक दूर हो जाएंगी। शवगृह में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि फ्रीजर कई पुराने हो चुके हैं और कई बार उनकी गैस लीक हो जाने या मोटर जलने की समस्या सामने आती रही है। डीप फ्रीजर खराब होने से आती परेशानी कर्मचारियों ने बताया कि जब कई शव एक साथ आते हैं तो जगह की कमी और फ्रीजर खराब होने के कारण शवों को संभालना मुश्किल हो जाता है। इससे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया प्रभावित होती है और मृतक परिवारों को मानसिक रूप से और अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। जनसेवा दल ने सहीं कराने की मांग की जनसेवा दल के कपिल ने कहा कि कई बार अस्पताल प्रशासन से शवगृह की स्थिति सुधारने की मांग की थी। उनका कहना था कि पानीपत जैसे बड़े औद्योगिक शहर में आधुनिक सुविधाओं से लैस शवगृह की आवश्यकता है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में शवों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके। चमन गुलाठी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि डीप फ्रीजर की कमी होने से कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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हांसी में सरेआम जलाया जा रहा कचरा:नहर किनारे कचरा डाल लगाई जा रही आग, चेतावनी बोर्ड अनदेखा, विभाग की कार्रवाई पर सवाल

हिसार के हांसी में भिवानी रोड पर नहर किनारे लगातार कचरा डाला जा रहा है। इस कचरे के ढेर में आग लगने से घना और जहरीला धुआं उठता है, जो आसपास के क्षेत्रों में फैल जाता है। इससे स्थानीय निवासियों को सांस लेने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है, विशेषकर तब जब किसानों पर पराली जलाने के लिए एफआईआर दर्ज की जाती है। इसके विपरीत, शहर के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर कचरा जलाने की घटनाओं पर संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे विभाग की दोहरी नीति पर सवाल उठ रहे हैं। इसी नहर से आगे ढाणी कुतुबपुर रोड पर स्थित वाटर वर्कर्स में शहर के लिए पीने का पानी भरा जाता है। नहर किनारे जमा कचरा और उड़ती पॉलीथिन सीधे जल स्रोत को प्रदूषित कर रहे हैं। यह स्थिति पेयजल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। चेतावनी बोर्ड की अनदेखी की जा रही नहर पुल के पास विभाग द्वारा एक चेतावनी बोर्ड लगाया गया है, जिस पर स्पष्ट लिखा है कि ‘नहर में या इसके आसपास गंदगी फैलाना दंडनीय अपराध है’। हालांकि, यह बोर्ड अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है। स्थानीय लोग खुलेआम गंदगी फेंक रहे हैं, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें यह जानकारी नहीं है कि नहर किनारे कचरा कौन डालता है। उनका कहना है कि कचरे के ढेर बढ़ने पर सफाई करवा दी जाती है। हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि क्या केवल सफाई करवाना ही इसका स्थायी समाधान है, या इस समस्या पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस और दीर्घकालिक उपाय किए जाएंगे।

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अंबाला पुलिस की कार्रवाई पर सवाल: नाबालिग को भगाने के बाद आरोपी ने की हत्या, मां ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

अंबाला के मुलाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पानीपत में दो दोस्तों का विवाद, गले में मारा चाकू:घायल को सिविल अस्पताल से मेडिकल कॉलेज करनाल किया रेफर

पानीपत में गुरुवार रात साढ़े 8 बजे दो दोस्तों में मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। शहर के अर्जुन नगर में दो दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि एक युवक ने अपने ही दोस्त पर चाकू से हमला कर दिया। आरोपी ने चाकू से वार कर दोस्त के गले पर चोट पहुंचाई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत घायल युवक को सिविल अस्पताल पानीपत पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया गया। हालत गंभीर होने के चलते उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल रेफर कर दिया गया। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने बताया कि घायल युवक की अर्जुन नगर निवासी अभिजीत पुत्र सीताराम है। उसके गले में चाकू से गहरी चोट आई है। डॉक्टरों ने कहा कि समय पर उपचार मिलने से उसकी जान फिलहाल बच गई। पुलिस जानकारी में जुटी पुराना औद्योगिक थाना प्रभारी देवेंद्र ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों युवक आपस में दोस्त थे और किसी व्यक्तिगत बात को लेकर झगड़ा हुआ था। फिलहाल घायल को करनाल रेफर कर दिया गया है और पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही घायल की स्थिति सामान्य होगी उससे पूछताछ कर पूरी घटना का कारण स्पष्ट किया जाएगा।

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एडीजीपी खुदकुशी केस में नया सवाल: गनमैन रोहतक से गिरफ्तार… आईपीएस के पास चंडीगढ़ कैसे पहुंच गई उसकी पिस्टल?

एडीजीपी पूरण कुमार के गनमैन सुशील की गिरफ्तारी कहां से हुई, यह सवाल कई स्थानीय पुलिसकर्मियों की नींद उड़ाए हुए है। कारण चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी है। वह पता करेगी कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उसे रोहतक से पकड़ा गया था तो उसकी पिस्टल वाई पूरण कुमार के

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ASI Suicide: संदीप का ADGP से वास्ता न गनर से… फिर क्यों की खुदकुशी; बड़ा सवाल- इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं?

रोहतक के एएसआई संदीप लाठर की मौत से उनका परिवार तो तबाह हुआ ही, खुदकुशी का सवाल भी जिंदा है। कारण यह कि उनका न एडीजीपी पूरण कुमार से कोई लेन-देन था, न ही उनके गनर सुशील से।

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एडीजीपी आत्महत्या: शव को पीजीआई शिफ्ट करने पर पुलिस वालों पर उठे सवाल, डीएसपी ने क्या दिया था आदेश?

एडीजीपी आत्महत्या मामले में शव को शिफ्ट करने को लेकर परिजनों ने आपत्ति जताई है।

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एडीजीपी ने दी जान: कभी पदोन्नति नीति पर सवाल तो कभी दलित उत्पीड़न, किसी न किसी कारण चर्चा में रहे हैं वाई पूरण

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। कभी सिस्टम पर सवाल उठाने के कारण, तो कभी वरिष्ठ अधिकारियों से टकराव को लेकर उनकी खूब चर्चा रही है।

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पानीपत में नाबालिग लड़की बनी मां:3 दिन बाद CWC ने करवाई FIR, सिविल अस्पताल में बच्चे को दिया था जन्म

पानीपत में नाबालिग लड़की ने बच्चे को जन्म दिया है। जिला बाल कल्याण समिति (CWC) की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सेक्टर-29 थाना पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बाल कल्याण समिति के मुताबिक, 7 अक्टूबर को दिन में लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया था। जिसके बाद उसने रात में बच्चे को जन्म दिया। जबकि समिति के सदस्यों का इसकी जानकारी मिली तो, उन्होंने सिविल अस्पताल पहुंचकर नाबालिग से पूछताछ की। दस्तावेजों की जांच में लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई। इसके 3 दिन बाद समिति ने थाना सेक्टर-29 पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिस पर मामला दर्ज किया गया। लड़की और नवजात दोनों सुरक्षित समिति के अध्यक्ष केदार ने बताया कि नाबालिग के अधिकारों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। लड़की और नवजात दोनों सुरक्षित हैं और उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। थाना सेक्टर-29 प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि मामला अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया है और जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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Haryana: भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित वन दरोगा 5 दिन में बहाल, हेडक्वार्टर से वापसी; पूछे गए यह सवाल…

अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप की लिखित शिकायत मिलने पर निलंबित वन दरोगा विजय कुमार को पांच दिन बाद ही बहाल कर दिया गया है।

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