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करनाल में बाइक-स्कूटी में टक्कर, दो की मौत:ढाई साल की बच्ची ने मौके पर तोड़ा दम, दंपती गंभीर घायल, मेडिकल कालेज रेफर

करनाल जिले के नलवी खुर्द गांव के पास बुधवार को स्कूटी और बाइक की जोरदार टक्कर में एक बच्ची समेत 2 लोगों की मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति और स्कूटी सवार ढाई साल की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि स्कूटी चला रहे युवक और उसकी पत्नी घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भिजवाया। पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए और जांच शुरू कर दी है। यह हादसा बुधवार दोपहर नलवी खुर्द के पास हुआ। जानकारी के मुताबिक, गांव नलवी पार निवासी 39 वर्षीय रामपाल अपनी पत्नी को लेने नलवी खुर्द जा रहा था। रास्ते में सामने से आ रही एक स्कूटी से उसकी बाइक की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों वाहन सड़क पर गिर पड़े। घटना के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। ढाई साल की बच्ची की मौके पर मौत स्कूटी पर सवार बजीदपुर निवासी 22 वर्षीय राहुल, उसकी पत्नी खुशबू (उम्र 20 साल) और ढाई साल की बच्ची भी सवार थे। टक्कर लगने से बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राहुल और खुशबू गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में भर्ती कराया गया है। वहीं, गंभीर रूप से घायल रामपाल को भी कल्पना चावला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा और रिपोर्ट आने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। पुलिस ने शुरू की जांच, परिवार में मातम मृतक रामपाल के बेटे ने बताया कि उनके पिता अपनी मां को लेने जा रहे थे, तभी रास्ते में यह हादसा हुआ। परिवार में तीन भाई-बहन हैं और पिता की मौत के बाद घर में मातम का माहौल है। जांच अधिकारी दलबीर सिंह ने बताया कि यह हादसा बाइक और स्कूटी की आमने-सामने की टक्कर से हुआ। इसमें ढाई साल की बच्ची और बाइक सवार की मौत हो गई, जबकि स्कूटी चला रहा युवक और उसकी पत्नी घायल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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पानीपत में दो दोस्तों का विवाद, गले में मारा चाकू:घायल को सिविल अस्पताल से मेडिकल कॉलेज करनाल किया रेफर

पानीपत में गुरुवार रात साढ़े 8 बजे दो दोस्तों में मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। शहर के अर्जुन नगर में दो दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि एक युवक ने अपने ही दोस्त पर चाकू से हमला कर दिया। आरोपी ने चाकू से वार कर दोस्त के गले पर चोट पहुंचाई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत घायल युवक को सिविल अस्पताल पानीपत पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया गया। हालत गंभीर होने के चलते उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल रेफर कर दिया गया। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने बताया कि घायल युवक की अर्जुन नगर निवासी अभिजीत पुत्र सीताराम है। उसके गले में चाकू से गहरी चोट आई है। डॉक्टरों ने कहा कि समय पर उपचार मिलने से उसकी जान फिलहाल बच गई। पुलिस जानकारी में जुटी पुराना औद्योगिक थाना प्रभारी देवेंद्र ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों युवक आपस में दोस्त थे और किसी व्यक्तिगत बात को लेकर झगड़ा हुआ था। फिलहाल घायल को करनाल रेफर कर दिया गया है और पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही घायल की स्थिति सामान्य होगी उससे पूछताछ कर पूरी घटना का कारण स्पष्ट किया जाएगा।

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नारनौल में 4 मेडिकल स्टोरों पर रेड:स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई अनियमितताएं मिलीं, नशीली दवाइयों की जांच की

नारनौल में मंगलवार शाम स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नांगल चौधरी कस्बे में 4 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई ड्रग कंट्रोल ऑफिसर प्रशांत की अगुआई में की गई। टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही, जिसने जांच के दौरान सहयोग किया। टीम के अचानक पहुंचने की सूचना मिलते ही इलाके के कई अन्य मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और मौके से चले गए। विभाग ने शांति मेडिकल स्टोर, जय मां दुर्गा मेडिकल स्टोर, त्रिमूर्ति मेडिकल स्टोर और अनाया फार्मेसी में जांच की। मेडिकल स्टोरों पर अनियमितताएं मिली ड्रग कंट्रोल ऑफिसर प्रशांत ने बताया कि कार्रवाई के दौरान गर्भ निरोधक दवाइयों, नशे में प्रयोग होने वाली दवाइयों तथा एमटीपी किट की जांच की गई। जांच में कुछ मेडिकल स्टोरों पर अनियमितताएं पाई गई हैं, जिनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की अचानक जांचें आगे भी समय-समय पर की जाती रहेंगी, ताकि अवैध रूप से दवाइयों की बिक्री पर नियंत्रण रखा जा सके।

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नारनौल मेडिकल कॉलेज में नियुक्त होंगे 69 सीनियर रेजिडेंट:स्वास्थ्य सेवाओं में होगा सुधार, लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलने की उम्मीद जगी

हरियाणा के नारनौल में गांव कोरियावास में बने महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों पर एडमिशन शुरू होने की प्रक्रिया के बाद अब इस कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट भी लगाए जाएंगे। जिसके चलते 69 पदों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। ऐसे में जिला में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होने की उम्मीद जगी है। गांव कोरियावास में सरकार ने 800 बेड का मेडिकल कॉलेज बनाया है। इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण में 725 करोड़ रुपए की लागत आई है। मेडिकल कॉलेज में एक मई से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई थी। जिसके तहत जिला नागरिक अस्पताल, रेवाड़ी तथा नूहं के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज से स्टाफ बुलाकर यहां पर ओपीडी की शुरुआत की गई थी। इसके बाद कुछ पदों के लिए यहां पर भर्ती की गई थी। मगर अभी भी यहां पर डाक्टरों के अनेक पद खाली हैं। अस्थाई आधार पर होगी भर्ती महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज कोरियावास के निदेशक द्वारा जारी विज्ञापन में कॉलेज में अस्थायी आधार पर 69 सीनियर रेजिडेंट पदों पर भर्ती की जा रही है। सीनियर रेजिडेंट पदों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए है। जिसके बाद उनका कार्यकाल तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। चिकित्सा सेवाओं में होगा सुधार महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों की भर्ती के बाद जिला में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा। इससे मेडिकल कॉलेज में ओपीडी की संख्या बढ़ेगी। वहीं लोगों को अपना इलाज कराने के लिए जयपुर, दिल्ली या रोहतक जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

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सोनीपत खानपुर मेडिकल में अव्यवस्थाओं का अंबार:3 महीने में 250 मरीज रेफर; एक्सरे भी नहीं हो पा रहे, MLA बोले-छोटी-मोटी कमियां

सोनीपत का खानपुर मेडिकल कॉलेज इलाज से ज्यादा रेफर सेंटर बन गया है। पिछले तीन महीनों में यहां से 250 से ज्यादा मरीज रेफर किए गए। जहां भाजपा विधायक और कमेटी अध्यक्ष रामकुमार कश्यप ने अव्यवस्थाओं को “छोटी-मोटी समस्याएं” बताते हुए सुधार का भरोसा दिया, वहीं बरोदा से कांग्रेस विधायक इंदु राज भालू ने इसे “रेफर का अड्डा” करार दिया। मरीजों ने भी अपनी परेशानी सुनाते हुए कहा कि एक्स-रे जैसी बुनियादी जांच के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है। ​विधानसभा समिति की जांच और सामने आई अव्यवस्थाएं वीरवार को विधानसभा की 9 सदस्यीय कमेटी ने खानपुर मेडिकल का दौरा किया। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायक इसमें शामिल हुए। टीम ने सीवरेज, बिजली, खराब एसी और डॉक्टरों के उपकरणों की कमी का जायजा लिया।​ इस समिति में कांग्रेस और भाजपा के नौ विधायक शामिल थे। जांच के दौरान, कई बड़ी कमियां सामने आईं: ​बिजली और एसी की समस्या: मेडिकल कॉलेज में खराब एसी और बिजली की समस्या आम है। ​खराब सीवरेज सिस्टम: सीवरेज व्यवस्था भी पूरी तरह से बंद है, जिसके कारण बारिश में मेडिकल कॉलेज में पानी भर जाता है। ​डॉक्टरी उपकरणों की कमी: इलाज के लिए जरूरी कई मेडिकल उपकरण खराब या अनुपलब्ध पाए गए। ​समिति ने इन समस्याओं को एक निश्चित समय सीमा में ठीक करने के निर्देश दिए हैं। ​मरीजों का दर्द और लंबा इंतजार ​मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज घंटों तक कतार में खड़े रहते हैं, खासकर एक्स-रे जैसी सामान्य जांच के लिए। मरीजों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में चार से पांच एक्स-रे मशीनें होने के बावजूद, केवल एक ही काम करती है, जिससे मरीजों को 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। पैर टूटने जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को भी घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। मरीजों ने यह भी आरोप लगाया कि जान-पहचान वाले लोगों का काम पहले होता है, जबकि बाकी लोग धक्के खाते रहते हैं। ​विधायक रामकुमार कश्यप और इंदूराज भालू के अलग-अलग विचार ​इस मामले पर विधायकों के विचार भी बंटे हुए नजर आए। भाजपा विधायक और समिति के अध्यक्ष रामकुमार कश्यप ने मेडिकल की इन कमियों को “छोटी-मोटी समस्याएं” बताया। उन्होंने दावा किया कि सरकार अच्छा काम कर रही है और मेडिकल में मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली की समस्या सबसे बड़ी है, जिसे ठीक करने में छह महीने तक का समय लग सकता है। ​दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक इंदूराज भालू ने इन समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि खानपुर मेडिकल अब ‘रेफर का अड्डा’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि 2022 से यहां ज्यादातर एसी खराब हैं और छत भी पूरी तरह से खराब हो चुकी है। भालू ने आरोप लगाया कि बजट की कमी के कारण ये कमियां दूर नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज भेदभाव का शिकार हुआ है और सरकार ने इसके लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया है। डायरेक्टर की सफाई ​मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर जगदीश चंद्र ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि रेफरल सिस्टम को खत्म करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा है कि भविष्य में केवल कंसलटेंट की जानकारी के बाद ही मरीज को रेफर किया जाएगा और कोई भी जूनियर डॉक्टर सीधे मरीज को रेफर नहीं कर सकेगा। यह दर्शाता है कि मेडिकल प्रशासन भी इस समस्या से अवगत है और इसे दूर करने का प्रयास कर रहा है। ​इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सोनीपत का खानपुर मेडिकल कॉलेज इस समय कई गंभीर अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। मरीजों को बेहतर हेल्थ सेवाएं देने के बजाय, उन्हें परेशानियों में डाल रहा है। यह देखना होगा कि विधानसभा समिति और मेडिकल प्रशासन द्वारा किए गए वादे कब तक पूरे होते हैं।

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पानीपत में मेडिकल कॉलेज में सीनियर्स ने की रैगिंग:शराब पीकर जूनियर को पीटा, अस्पताल में भर्ती; आरोपी फरार

पानीपत में एक निजी मेडिकल कॉलेज में शनिवार दोपहर 1:30 बजे रैगिंग का मामला सामने आया है। एमबीबीएस फस्ट ईयर के स्टूडेंट देव यादव को सेकेंड ईयर के पांच स्टूडेंट्स ने शराब के नशे में पीट दिया। घटना कॉलेज परिसर की लॉन में हुई। सेकेंड ईयर के स्टूडेंट लक्ष्य यादव, रितेश, लैविश, लक्ष्य और एक अन्य स्टूडेंट ने देव यादव को रोका। उन्होंने सीनियर होने के नाते विश करने को कहा। देव के मना करने पर सभी ने मिलकर उसकी पिटाई शुरू कर दी। एक स्टूडेंट ने डंडे से देव के सिर पर हमला कर दिया। इससे उसके सिर से खून निकलने लगा। साथी स्टूडेंट्स ने घायल देव को एनसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। घटना इसराना स्थित एनसी मेडिकल कॉलेज की है। उसके सिर में कई टांके लगे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी महिपाल सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपी स्टूडेंट घटना के बाद फरार हो गए।

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फतेहाबाद में नशीली गोलियां लेकर मेडिकल पर आया युवक पकड़ा:बाइक में रखी थी टेबलेट्स और कैप्सूल; स्टोर संचालक पर भी शक

फतेहाबाद जिले की रतिया पुलिस ने नशीली गोलियों के साथ युवक को अरेस्ट किया है। युवक मेडिकल स्टोर के बाहर नशीली गोलियां लेकर आया था। उसके पास से पुलिस ने 130 नशीली गोलियां और 600 कैप्सूल बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस ने ड्रग ऑफिसर को सूचना दी है। मेडिकल संचालक भी शक के घेरे में हैं। उससे भी पूछताछ की जाएगी। जानकारी देते हुए रतिया शहर थाना प्रभारी रणजीत सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक युवक बाइक पर नशीली गोलियां लेकर टोहाना रोड स्थित बलवान मेडिकल स्टोर के बाहर आया है। वह जैसे ही वहां पहुंचा पुलिस ने उसे पकड़ लिया। युवक का नाम रवि कुमार है। कोई बिल पेश नहीं कर सका युवक एसएचओ ने बताया कि युवक के पास 130 नशीली गोलियां और 600 कैप्सूल थे। इन दवाइयों के बिलों के बारे में उससे पूछा गया तो वह कोई बिल पेश नहीं कर सका। इसके बाद ड्रग ऑफिसर धीरज कुमार को बुलाया गया। ड्रग ऑफिसर की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई एसएचओ रणजीत सिंह ने बताया कि ड्रग ऑफिसर की रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई पुलिस करेगी। फिलहाल जांच जारी है।

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