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किसान संगठनों की चेतावनी- शुगर मिल 10 तक शुरू करें:नहीं तो 12 नवंबर से आंदोलन, देरी से चलने से किसानों को होता नुकसान

पलवल में संयुक्त किसान मोर्चा और क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पलवल शुगर मिल को 10 नवंबर तक शुरू करने की मांग को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) को ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि मिल समय पर नहीं चली तो वे आंदोलन करेंगे। किसान नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, धर्मचंद घुघेरा, उदय सिंह, रुप राम तेवतिया और ताराचंद ने बताया कि वे शुगर मिल को समय पर चलाने की मांग को लेकर सितंबर और अक्टूबर माह में दो बार मिल के प्रबंध निदेशक से मिल चुके हैं, लेकिन मिल को अभी तक शुरू नहीं किया गया है। इससे किसानों में भारी रोष है। हर साल मिल चलवाने के लिए करना पड़ता है प्रदर्शन किसान नेताओं ने यह भी कहा कि पिछले चार वर्षों से पलवल शुगर मिल को समय पर चलाने के लिए किसानों को हर साल प्रदर्शन करना पड़ता है। मिल प्रशासन हर बार विभिन्न अड़चनें बताकर मिल को देरी से चलाता है, जबकि किसान इसे अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू करवाना चाहते हैं। मिल देरी से चली तो गेहूं की बुआई नहीं कर पाएंगे किसान किसानों ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में किसान पट्टे या ठेके पर खेती करते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है। इस बार भारी बारिश और जलभराव के कारण हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई है। कई किसान गन्ने की कटाई के बाद जनवरी में गेहूं की बुवाई करते हैं। मिल देरी से चली तो गन्ने की कटाई में देरी होगी, जिससे वे गेहूं की बुवाई नहीं कर पाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से राय लेने के बाद यह फैसला लिया है कि यदि 10 नवंबर तक शुगर मिल शुरू नहीं की गई, तो 12 नवंबर से पलवल शुगर मिल पर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में पलवल क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसान अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।

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Haryana Crime: सूदखोर के चंगुल में फंसा किसान, मौत से पहले बनाया वीडियो, खोले कई राज, जानें पूरा मामला

मौत से पहले किसान ने एक वीडियो बनाई थी। जिसमें उसने बताया था कि उसने रणधीर से चार लाख रुपये ब्याज पर लिए थे।

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आदमपुर में किसान सभा का धरना:सरकार पर नहरों में पानी न छोड़ने का आरोप, बोले- किसानों को नहीं दिया जा रहा मुआवजा

अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी, आदमपुर की ओर से किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर तहसील परिसर में चल रहा धरना मंगलवार को लगातार 9वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने सरकार पर उनकी जायज़ मांगों की अनदेखी करने और नहरों में जानबूझकर पानी न छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया। धरने की अध्यक्षता ओमप्रकाश फगेड़िया और रोहताश सिवाच ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन तहसील सचिव सतबीर सिंह धायल ने किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एक सोची-समझी रणनीति के तहत किसानों को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि खरीफ 2025 की बुवाई के समय नहरों में पानी बंद कर दिया गया था और अब रबी फसलों की बुवाई के दौरान भी नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे किसान भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। सतबीर धायल ने कहा कि जलभराव, सेम तथा अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों का बीमा व मुआवजा, सभी फसलों की सरकारी खरीद, खाद की पूरी सप्लाई, खेत मजदूरों को उचित मुआवजा, दरक चुके मकानों का मुआवजा, मनरेगा का बकाया भुगतान और टावरों का मुआवजा प्रमुख मांगों में शामिल हैं। किसान बोले- एमएसपी पर नहीं हो रही फसल की खरीद उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीद रही और औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को किसानों की मेहनत का लाभ लेने दे रही है। यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं तो संयुक्त किसान मोर्चा एवं अन्य जन संगठनों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। धरने को संबोधित करने वालों में तहसील प्रधान कपूर सिंह बगला, उपप्रधान गुलाब पूनिया, सहसचिव सतपाल श्योराण, वरिष्ठ युवा किसान नेता संदीप बैनीवाल, पूर्व प्रधान भूप सिंह बिजारनिया, कमेटी सदस्य अशोक सिवर समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर में कहा कि किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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करनाल पहुंचे नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा:बोले,धान घोटाला सिर्फ करनाल नहीं, पूरे हरियाणा में फैला भ्रष्टाचार, किसानों को नहीं मिल रहा MSP

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार को करनाल पहुंचे, जहां उन्होंने मंडी व्यवस्था, धान घोटाले और किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। हुड्डा ने कहा कि धान घोटाले की जांच सिर्फ करनाल तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरे हरियाणा में इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह घोटाला करोड़ों रुपए का है और इसमें बड़े अधिकारी व राजनेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकार पिक एंड चूज़ पॉलिसी पर काम कर रही है। किसी एक शेलर को पकड़ लिया जाता है, जबकि असली दोषियों को छोड़ दिया जाता है। मंडियों में किसानों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। MSP के बजाय किसानों की फसल 500 से 600 रुपए कम रेट में खरीदी जा रही है। अगर सब कुछ पोर्टल ही करेगा, तो फिर मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी किसलिए हैं? हुड्डा ने सरकार की योजनाओं पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार हर काम के लिए एक नया पोर्टल बना देती है। अगर हर काम पोर्टल ही करेगा तो फिर मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी की क्या जरूरत है? सब कुछ पोर्टल ही चला लेगा क्या। उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में फसल का गलत डाटा अपलोड किया गया, जबकि इस बार उत्पादन कम हुआ है। इसके बावजूद रिकॉर्ड में ज्यादा फसल दिखा दी गई ताकि फर्जी गेट पास और धान की हेराफेरी को छिपाया जा सके। हुड्डा ने कहा कि कुछ जगहों पर तो शमशान घाट और गुरुद्वारे से भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा चलाया गया, जो गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। हरियाणा नंबर वन है बेरोजगारी में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी अपने चरम पर है, जिसके कारण युवा विदेश जाने को मजबूर हैं। जो बच्चे विदेशों में फंसे हैं, सरकार को चाहिए कि उन्हें तुरंत वापस लाने की कोशिश करे। लेकिन असली सवाल यह है कि वे विदेश क्यों गए? क्योंकि हरियाणा में रोजगार नहीं है। आज हरियाणा नंबर वन है बेरोजगारी में। उन्होंने कहा की क्राइम में हरियाणा नंबर 1 पर है। यहां पर 60 से ज्यादा गैंग सक्रिय है। बिहार चुनाव और कांग्रेस पर बोले बिहार में चल रहे चुनावी माहौल पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि गठबंधन की सरकार वहां जीत हासिल करेगी। अगर पार्टी उन्हें जिम्मेदारी देगी, तो वे बिहार जाकर प्रचार भी करेंगे।

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भिवानी मनीषा मौत मामला: सीबीआई के सील किए खेत में किसान ने नहीं की बिजाई, पिता बोले- अधिकारी लौटे लेकिन…

मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआई टीम भले ही दिल्ली लौट चुकी है लेकिन जिस खेत में मनीषा का शव मिला था वह अब भी टेपिंग से सील कर सुरक्षित रखा गया है।

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मनीषा डेथ मिस्ट्री:80 दिन से घटनास्थल सिक्योर, किसान ने छोड़ा एरिया, ग्वार की फसल कटाई के बाद खेत की जुताई की

भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी करीब 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा मौत मामले में घटनास्थल को पिछले करीब 80 दिन से सिक्योर (कवर) किया हुआ है। पहले स्थानीय पुलिस ने कवर रखा और अब सीबीआई ने। इधर, किसान ने ग्वार की फसल की कटाई के बाद अब घटनास्थल के एरिया को छोड़कर अन्य खेत की जुताई कर दी है। ताकि अगली फसल की बिजाई की जा सके। बता दें कि जब 13 अगस्त को गांव सिंघानी के खेतों में मनीषा का शव पड़ा हुआ मिला था। उस दौरान खेत में ग्वार की फसल की बिजाई की हुई थी। हालांकि जिस स्थान पर मनीषा का शव मिला था, वह लगभग खाली पड़ा हुआ था। इसके बाद शव मिलने वाले एरिया को पुलिस ने टेप लगाकर कवर कर दिया था। अब किसान ने अन्य खेत में खड़ी ग्वार की फसल की कटाई कर ली। वहीं अगली फसल की बिजाई के लिए खेत की जुताई कर दी है। हालांकि कवर एरिया को सुरक्षित छोड़ दिया। इससे पहले सीबीआई टीम जांच के लिए दिल्ली से 3 दफा भिवानी लौट चुकी है। वहीं अब भिवानी से दिल्ली गई हुई है। फिलहाल सीबीआई की टीम मनीषा मौत मामले की जांच कर रही है। जो कई दफा घटनास्थल पर जा चुकी है। यहां तक कि घटनास्थल पर सीबीआई ने दिल्ली से स्पेशल एफएसएल टीम को जांच के लिए बुलया था। 11 अगस्त को लापता हुई थी मनीषा गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया था कि उसकी बेटी मनीषा 11 अगस्त को प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बार वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर गई थी। जिसके बाद मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। लोगों ने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। वहीं 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। वहीं लोगों का विरोध बढ़ गया। इसके बाद बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया और जांच CBI को सौंप दी। 3 सितंबर को पहली बार आई थी सीबीआई CBI की जांच शुरू होने के बाद 3 सितंबर को टीम पहली बाद दिल्ली से भिवानी पहुंची थी। इसके बाद लगातार सीबीआई की टीम जांच में जुटी हुई है। इसी जांच के दौरान CBI की टीम 2 बाद दिल्ली लौट चुकी है। वहीं CBI की टीम फिर से तीसरी बार दिल्ली से भिवानी पहुंची है। CBI की टीम मनीषा मौत मामले की जांच कर रही है।

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किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा: अपात्र लोगों से वसूली जाएगी रकम, भविष्य में लाभ से रह सकते हैं वंचित

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

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पलवल मार्केट कमेटी दफ्तर पर किसानों का प्रदर्शन:धान की खरीद और भुगतान न होने से नाराजगी, बोले- होगा बड़ा संघर्ष

पलवल जिले में धान की खरीद और भुगतान न होने से नाराज किसानों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय पर धरना दिया और सचिव को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता किसान कुंज बिहारी नंबरदार मांदकौल ने की, जबकि संचालन किसान सभा के जिला प्रधान रूप राम तेवतिया ने किया। किसानों ने सरकार पर धान खरीद में देरी और भुगतान न करने का आरोप लगाया। किसान मोर्चा के नेताओं मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, धर्मचंद घुघेरा, ताराचंद पूर्व प्रधान, सोहनपाल चौहान, समय राम कुंडू और राहुल कौशिक ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 22 सितंबर से धान खरीद की घोषणा की थी। हालांकि, पलवल की मंडियों में 8 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक बड़ी मात्रा में धान पड़ा हुआ है, जिसका अभी तक उठान और भुगतान नहीं हुआ है। अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों से 289 रुपए प्रति क्विंटल की रिकवरी की जा रही है, जिसे उन्होंने अन्यायपूर्ण बताया। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन से 28 अक्टूबर तक सभी किसानों का धान खरीदने और बकाया भुगतान करने की मांग की है। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 29 अक्टूबर से मार्केट कमेटी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे होने वाली किसी भी परेशानी के लिए सरकार और जिला प्रशासन जिम्मेदार होंगे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने वालों में किसान गोकुलचंद नंबरदार, दीनदयाल धतीर, जगत सिंह भुर्जा, करतार सिंह चिरवाड़ी, अजय जनौली और बलदेव जनौली सहित कई अन्य किसान भी शामिल थे।

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पलवल में किसान पर जानलेवा हमला:कुल्हाड़ी, तलवार, पिस्टल के साथ आए थे आरोपी, 11 लोगों पर केस दर्ज

पलवल के बहीन में खेतों से लौट रहे एक किसान पर अवैध हथियारों से जानलेवा हमला किया गया। घायल किसान की मां की शिकायत पर बहीन थाना पुलिस ने तीन नामजद सहित कुल 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बहीन गांव निवासी समरवती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका बेटा देवीराम उर्फ देवा खेतों से काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में गांव के महेश उर्फ मक्लू, रमन, दिनेश उर्फ सुच्चा और 8-10 अन्य लोगों ने उसे घेर लिया। आरोपियों के पास कुल्हाड़ी, तलवार, पिस्टल और पंच जैसे अवैध हथियार थे। जब देवीराम ने भागने की कोशिश की, तो आरोपियों ने तलवारों से उसके पैरों पर हमला कर उसे जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद उस पर जानलेवा हमला किया गया, जिससे वह बेहोश हो गया। मरा समझ छोड़ा आरोपियों ने उसे मरा हुआ समझकर छोड़ दिया और फरार हो गए। सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और देवीराम को पलवल के जिला नागरिक अस्पताल ले गए। वहां से उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल, देवीराम का एक निजी अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है। बहीन थाना पुलिस ने समरवती की शिकायत के आधार पर महेश उर्फ मक्लू, रमन, दिनेश उर्फ सुच्चा और 8-10 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।

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