Actionpunjab

Action Punjab Logo
Breaking News

बट

Haryana

UP: डायरी-फोन से खुलेगा राज…पड़ोसियों से भी पूछताछ; बेटे की मौत के मामले में पूर्व DGP की बढ़ेंगी मुश्किलें!

पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत के मामले में पंचकूला पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) शुक्रवार को मुस्तफा के घर सहारनपुर पहुंची।

Haryana

झज्जर में पिता व भाई की हत्या: आरोपी बेटे ने शव जलाकर खेत में दफनाए, हादसे में मौत की झूठी अफवाह फैलाई

झज्जर के कलोई गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सनसनी में डाल दिया है।

Haryana

पंजाब के पूर्व DGP के बेटे की डेथ मिस्ट्री:SIT ने कब्जे में ली डायरी, मोबाइल-लैपटाप का इंतजार, 7 घंटे जांचा सीन ऑफ क्राइम

पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के 35 वर्षीय बेटे अकील अख्तर के मौत मामले में एसआईटी ने शुक्रवार को देर रात वो डायरी अपने कब्जे में ली है, जिसमें सुसाइड नोट होने की बात का जिक्र किया गया था। पंचकूला एसआईटी की एक टीम डायरी को कब्जे में लेने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर गई थी। जहां पर पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के घर से वो डायरी अपने कब्जे में ली है। डायरी लेने के बाद टीम देर रात को पंचकूला पहुंची है। अभी डायरी में क्या लिखा मिला है, उसका खुलासा नहीं हुआ है। डायरी में मिले दस्तावेज की जांच राइटिंग एक्सपर्ट से करवाने की बात भी कही जा रही है। पंचकूला सेक्टर-4 स्थित मुस्तफा फैमिली के घर पर भी पुलिस ने सात घंटे तक क्राइम सीन को इनवेस्टिगेट किया था। एसआईटी इंचार्ज विक्रम नेहरा के अनुसार अभी तक वो मोबाइल बरामद नहीं हुआ है, जिससे अकील अख्तर ने 27 अगस्त को वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की थी। वहीं उसका लैपटॉप भी अभी बरामद होना बाकी है। पंजाब के मलेरकोटला में मुस्तफा फैमिली के द्वारा आज अंतिम दुआ कार्यक्रम रखा गया है। मलेरकोटला आवास पर शनिवार दोपहर बाद 4 बजे क्लेक्टिव प्रेयर की जाएगी। जिसमें क्षेत्र के राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हो सकते हैं। क्योंकि मुस्तफा फैमिली के गम में अभी वहां के लोग शरीक नहीं हो पाए थे। ​​​​​​CBI से नहीं मिली हरी झंडी केस CBI को ट्रांसफर करने के लिए हरियाणा सरकार ने इस बारे में केंद्र को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक सीबीआई की ओर से केस को लेकर हरी झंडी नहीं मिली है। वहां से क्लियरेंस आने तक एसआईटी टीम अपने स्तर पर जांच में जुटी हुई है। जांच में अभी परिवार शामिल नहीं इस केस में पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी और पंजाब की पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, उनकी बेटी व अकील अख्तर की पत्नी पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने की FIR दर्ज हो चुकी है। हालांकि अभी तक मुस्तफा फैमिली का कोई सदस्य जांच में शामिल नहीं हुआ है। पूर्व DGP खुद कह चुके हैं कि वे 25 के बाद हर सवाल का जवाब देंगे। 3 पॉइंट में समझिए SIT ने अब तक क्या किया… अब 3 पॉइंट में जानिए पूरा मामला…

Haryana

राव इंद्रजीत ने अभय के गढ़ में लगाई सेंध:नांगल चौधरी के तीन गांवों का किया दौरा, बेटी आरती भी यहां पर हैं सक्रिय

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिला की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शुक्रवार को नांगल चौधरी क्षेत्र का दौरा किया। जिसमें उन्होंने विशेष रूप से पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव के पैतृक गांव का दौरा कर नई राजनीतिक चर्चा को जन्म दे दिया है। इस दौरान दैनिक भास्कर एप के रिपोर्टर देवेंद्र यादव ने भी उनसे खास बातचीत की। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत का शुक्रवार को नांगल चौधरी विस का दौरा दौरा राजनीतिक गलियारों में सुर्खियों का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह पूर्व मंत्री डा. अभय सिंह का गढ़ हैं तथा यहां एक दिन पहले ही पास के ही गांव खातोली अहीर में हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव शोक प्रकट करने पहुंची थीं। उनके तुरंत बाद दूसरे दिन ही उनके पिता केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पहुंचे। यहां पर गए पूर्व मंत्री केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह शुक्रवार को नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र के गांवों में रहे। उन्होंने सबसे पहले गांव खातोली अहीर में सरपंच विक्रम यादव के पुत्र की मौत पर शोक प्रकट किया। यहां पर बीते कल उनकी पुत्री स्वास्थ्य मंत्री आरती राव भी आई थी। जिसके बाद उन्होंने गांव भुंगारका में डा. अभय सिंह के धूर विरोधी पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह के घर चाय ली। यहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। पूर्व मंत्री के गांव भी गए केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह इसके बाद पूर्व सिंचाई मंत्री डा. अभय सिंह के पैतृक गांव कांवी भी पहुंचे। वहां पर उन्हाेंने वहां ढाणी मामराज में दिनेश मास्टर के आवास पर भी चाय ली तथा कार्यकर्ताओं व लोगों से मुलाकात भी की। भुंगारका का सरपंच पूर्व मंत्री विरोधी भुंगारका गांव का सस्पेंड चल रहा सरपंच राजेंद्र सिंह पूर्व मंत्री डा. अभय सिंह यादव का धूर विरोधी है। राजेंद्र सिंह ने 2014 के विधानसभा चुनाव में डा. अभय सिंह का साथ दिया था। इसके बाद 2019 के चुनाव में जब वे अलग हुए तो सरपंच पर गांव में फायरिंग करने का आरोप लगा। इसके बाद सरपंच आमर्स एक्ट में जेल में रहकर आया। जिसके बाद उसको डीसी ने सस्पेंड कर दिया। सरपंच का कहना है कि यह सब पूर्व मंत्री के इशारे पर हुआ था। केंद्रीय मंत्री ने की सरपंच की तारीफ वहीं यहां आने के केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भुंगारका के सरपंच राजेंद्र सिंह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत राजेंद्र को सस्पेंड किया तो सारे पंचों को प्रशासन ने बुलाया तथा कहा कि सरपंच लेने की बात कही, मगर किसी ने भी सरपंची नहीं ली। जो की पूरे प्रदेश में एक मिसाल है। आप यहां सक्रिय हैं क्या राजनीतिक मायने हैं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि राजनीतिक मायने कुछ नहीं हैं। साथियों से मिलने आए हैं। राजनीति तो चार साल के बाद करेंगे, जब चुनाव आएगा। हमारा यहां पर आना जाना वाजिब है। हालांकि मैं यहां से एमपी नहीं हूं, मगर यहां के लोगों ने मेरा व मेरी बेटी तथा पार्टी का साथ दिया है। मेडिकल कॉलेज पूरी पार्टी की देन गांव कोरियावास में बने मेडिकल कॉलेज के बारे में उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए सभी भाजपा नेताओं ने सहयोग किया है। उन्होंने तथा सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने भी लिख कर दिया था कि गांव कोरियावास में मेडिकल कॉलेज बनना चाहिए। इसलिए इसके लिए एक का श्रेय लेना सही नहीं है। पूरी पार्टी को इसका श्रेय जाना चाहिए। एक ही पार्टी में, मगर राजनीतिक मतभेद राव इंद्रजीत सिंह और डॉ. अभय सिंह दोनों भाजपा पार्टी में हैं, मगर इनके बीच लंबे समय से राजनीतिक मतभेद चल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच यह दूरियां केवल पार्टी मंचों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी कई बार सार्वजनिक हो चुकी हैं। कोई प्रतिक्रिया नहीं: अभय सिंह वहीं इस बारे में पूर्व मंत्री डा. अभय सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते।

Haryana

दहेज के लिए करनाल की बेटी को पीटा:लुधियाना में ससुरालियों ने घर से निकाला; बाइक और एक लाख रुपए मांगे, पति पर FIR

करनाल जिले की बेटी ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने, जान से मारने की धमकी देने और मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि शादी के बाद ससुरालियों ने उससे मायके से बाइक और एक लाख रुपए लाने की मांग की। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और घर से निकाल दिया गया। पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता शशि ने करनाल पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी 4 नवंबर 2022 को हिंदू रीति रिवाज से पंजाब के लुधियाना जिले के राजगुरु नगर निवासी निशु कुमार के साथ हुई थी। शादी में उसके माता-पिता ने लगभग 13-14 लाख रुपए खर्च किए थे और अपनी हैसियत से बढ़कर दहेज दिया था। शादी के बाद वह ससुराल में बतौर पत्नी रहने लगी और उसे एक बेटी हुई जिसका नाम गीशू है, जो फिलहाल उसके पास है। शादी के बाद ससुराल वाले मारते लगे ताने लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उसका पति, सास मुन्नी देवी, ससुर रामचरण सिंह और जेठ विष्णु उसे ताने मारने लगे। उन्होंने कहा कि वह गरीब घर की लड़की है और शादी में पर्याप्त दहेज नहीं लाई। ससुरालियों ने कहा कि उसकी वजह से उनका समाज में मजाक बना है क्योंकि वह बाइक नहीं लाई। इसी बात को लेकर वे उसे रोजाना ताने देते और दहेज में बाइक और नकद रुपए लाने का दबाव डालते रहे। महिला से पति के अवैध संबंधों का खुलासा पीड़िता ने बताया कि शादी के बाद उसे यह भी पता चला कि उसके पति के शादी से पहले ही एक महिला से अवैध संबंध थे। यह बात ससुराल के सभी लोगों को मालूम थी, लेकिन उन्होंने शादी के समय यह बात छिपाई। जब उसे सच्चाई पता चली तो पति ने उसे पूनम से दूर रहने के बजाय उसी के साथ मिलने-जुलने और समय बिताने लगा। इस बात पर जब शशि ने आपत्ति जताई, तो पति और परिवार वालों ने उल्टा उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। पति और पूनम ने मिलकर की मारपीट, घर में किया बंद महिला ने बताया कि बीती 23 सितंबर को उसे पता चला कि उसका पति महिला के घर पर है। जब वह वहां पहुंची तो उसका पति बाइक लेकर भाग गया। इसी दौरान महिला पूनम ने उसे गालियां दीं, खींचकर घर के अंदर ले गई और शाम तक कमरे में बंद रखकर उसके साथ मारपीट की। उसने कहा कि अगर उसकी चाची सास सुनीता समय पर वहां नहीं पहुंचती तो वह शायद बच नहीं पाती। सुनीता ने उसे किसी तरह वहां से निकालकर जान बचाई। ससुराल लौटने पर फिर हुई मारपीट, घर से निकाला गया पीड़िता ने बताया कि जब उसने यह बात अपने ससुरालवालों को बताई तो उन्होंने भी उसका साथ देने के बजाय उल्टा उसके साथ फिर से मारपीट की। पति निशु कुमार, सास मुन्नी देवी, ससुर रामचरण सिंह और जेठ विष्णु ने मिलकर उसे तीन कपड़ों में घर से निकाल दिया। साथ ही धमकी दी कि जब तक वह मायके से बाइक और एक लाख रुपए नहीं लाएगी, तब तक उसे घर में नहीं बसाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह बिना पैसे के वापस आई तो जान से मार देंगे। पहले भी दी थी शिकायत, पर कार्रवाई नहीं हुई महिला ने बताया कि उसने पहले भी मारपीट के बाद पुलिस में शिकायत दी थी और मेडिकल भी करवाया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने बीती 26 सितंबर को फिर से पुलिस अधीक्षक करनाल को लिखित दरखास्त दी। उसने अपनी शिकायत में कहा कि उसे ससुराल पक्ष से जान का खतरा है और वह चाहती है कि उसका घर बस जाए, लेकिन आरोपी दहेज के लालच में ऐसा नहीं चाहते। पुलिस जांच में पति पर लगे आरोप साबित जांच अधिकारी ने बताया कि शिकायत पर जांच की गई जिसमें दोनों पक्षों को बुलाकर बयान दर्ज किए गए। जांच में पाया गया कि महिला के पति निशु कुमार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और जान से धमकाने के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। वहीं, अन्य आरोपी मुन्नी देवी, विष्णु और रामचरण के खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में फिलहाल कोई सबूत नहीं मिला है। प्राथमिक जांच के आधार पर महिला के पति निशु कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी सविता के मुताबिक, यदि आगामी जांच में अन्य आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य मिलते हैं तो उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

Haryana

पूर्व DGP के बेटे को जो बीमारी, वो कितनी खतरनाक:हाथरस में 11 साल के लड़के के मर्डर की वजह यही; जान देना-लेना आम बात

यूपी में सहारनपुर के रहने वाले पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्टूबर की देर रात पंचकुला में मौत हो गई। तब परिवार ने कहा था- दवाओं के ओवरडोज से मौत हुई। मौत के दो दिन बाद बेटे का वीडियो सामने आया, जिसमें उसने कहा कि मेरी पत्नी मेरी नहीं है, मेरे डैडी की है। अब पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि मेरे बेटे अकील को करीब 18 साल से साइकोटिक डिसऑर्डर था। वो नशा भी करता था। 2007 में उसकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। ऐसे में सवाल ये की क्या होता है साइकोटिक डिसऑर्डर? इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति को कौन-कौन सी हो सकती है बीमारी ? इसके लक्षण क्या हैं? कितनी खतरनाक होती है बीमारी? क्या कहती है स्टडी ? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में सारे सवालों के जवाब… पहले पढ़िए ये मामला साल 2024 में हाथरस में 14 साल के लड़के ने एक 11 साल के लड़के की हत्या कर दी थी। पुलिस ने अपनी जांच-पड़ताल में इस मामले का खुलासा किया। इस केस को लेकर मनोरोग विशेषज्ञों ने बताया कि अक्सर ऐसे लोग सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होते हैं। इस केस में पुलिस ने खुलासा किया की बच्चा स्कूल के हॉस्टल में रहता था। वह स्कूल से घर जाना चाहता था, उसने कभी पहले मोबाइल पर देखा था कि किसी छात्र की मौत हो जाने पर स्कूल बंद हो जाता है तो उसने भी घर जाने के लिए यही तरीका अपनाया। सोते समय कृतार्थ की अंगोछे से गला दबाकर हत्या कर दी। किसको साइकोटिक और न्यूरोसिस कहते हैं? वाराणसी में BHU के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ संजय गुप्ता बताते है- जब किसी व्यक्ति की जजमेंट (निर्णय लेने की क्षमता) और इनसाइट (अपने मानसिक स्थिति को समझने की क्षमता) प्रभावित हो जाती है, तो इसे साइकोटिक कहा जाता है। जब व्यक्ति की जजमेंट और इनसाइट सामान्य रूप से ठीक रहती है, तो इसे न्यूरोसिस कहा जाता है। इसमें व्यक्ति अपने मानसिक तनाव या चिंता को पहचान सकता है। हालांकि परेशानी या चिंता होती है, लेकिन वास्तविकता की समझ बनी रहती है। क्या होती है साइकोटिक डिसऑर्डर बीमारी? गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अमित शाही बताते है- साइकोटिक डिसऑर्डर एक बीमारी है। इसमें मरीज वास्तविकता से कट जाते हैं और काल्पनिक दुनिया में जीते है। उन्हें भ्रम या भ्रमित ध्वनियां/चित्र दिख/सुनाई दे सकते हैं। अमित शाही के अनुसार, इस डिसऑर्डर के अंदर करीबन 20 तरह की बीमारियां डाइग्नोसिस होती है। उनमें से एक सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर भी होता है। जैसे 2018 का बुराड़ी हत्याकांड, इसमें भी परिवार को ‘शेयर्ड साइकोसिस डिसऑर्डर’ था। इस केस में परिवार के लोग सोचते हैं कि उस व्यक्ति में खास शक्तियां हैं। ऐसे लोग परिवार के दूसरे सदस्यों पर भी प्रभाव डालते हैं। फिर वो भी कुछ-कुछ ऐसा ही अनुभव करने लगते हैं और खुद को सच्चाई से दूर ले जाते हैं। हालांकि डॉक्टर बताते है कि इस केस में डाइग्नोसिस नहीं हुआ है कि क्या बीमारी है। लेकिन इसके लक्षणों को देखकर कहा जा सकता है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो सकता है। सिजोफ्रेनिया क्या है? गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ अमित शाही बताते है- सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है। इस बीमारी में मरीज अक्सर वास्तविक दुनिया से कट जाते हैं और अपनी ही दुनिया में रहने लगते हैं। हर मरीज के लक्षण अलग होते हैं, जैसे कानों में आवाज आना, अकारण संदेह करना, अपने में बात करना, बिना बात के हंसना, रोना आदि। कुछ लोग काल्पनिक दुनिया में रहते हैं और उनके विचार वास्तविकता से अलग होते हैं। इस वजह से उनकी भावनाएं, व्यवहार और रोजमर्रा की क्षमता प्रभावित होती है। वे अपने दिल की बात सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते और जीवन में रुचि कम हो जाती है। कभी-कभी वे छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत अधिक भावुक या परेशान हो जाते हैं। मानव मस्तिष्क में डोपामाइन नाम का न्यूरो ट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर में बीच तालमेल बिठाता है। कई बार डोपामाइन केमिकल किन्हीं वजहों से जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तब सिजोफ्रेनिया की समस्या उत्पन्न होती है। सिजोफ्रेनिया से कैसे करें? बचाव बीएचयू के डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं- सिजोफ्रेनिया का इलाज अब उपलब्ध है। इसके लिए जरूरी है कि मरीज का अच्छे से ख्याल रखा जाए। घर परिवार के लोगों के बीच में रहे। मरीज को समय-समय पर मनोरोग विशेषज्ञ जरूर मिलाएं। इलाज में कोई गैप न करें। ये लंबे वक्त तक चलने वाली बीमारी है। सिजोफ्रेनिया में रिकवरी 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं हो पाती है, लेकिन इलाज लंबे वक्त चलाया जाए तो 90 प्रतिशत तक रिकवरी हो जाती है। भारत में पहली बार सिजोफ्रेनिया की सर्जरी साल 2023 में गुरुग्राम के मरेन्गो एशिया अस्पताल में एक 28 वर्षीय अफ्रीकी मरीज पर DBS तकनीक का उपयोग करके सिजोफ्रेनिया का इलाज किया गया। व्यक्ति 13 साल की उम्र से इस बीमारी से पीड़ित था। यह भारत में इस प्रकार की पहली सर्जरी थी और वैश्विक स्तर पर भी इस प्रक्रिया को केवल 13 बार ही किया गया है। डीप ब्रेन स्टीमुलेशन (DBS) क्या है? डीप ब्रेन स्टीमुलेशन (DBS) एक नई सर्जिकल तकनीक है, जिसमें मस्तिष्क के खास हिस्सों में छोटे इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। ये इलेक्ट्रोड ब्रेन की असामान्य गतिविधियों को नियंत्रित करने और संतुलन बहाल करने के लिए हल्की बिजली भेजते हैं। इस ऑपरेशन में लगभग 8-10 घंटे लगते हैं। इसके बाद मरीज को रातभर आईसीयू में रखा जाता है। ऑपरेशन के अगले ही दिन से मरीज चलने-फिरने में सक्षम हो जाता है और उसके लक्षणों में करीब 50-60% तक सुधार दिखाई देता है। सिजोफ्रेनिया पुरुषों को महिलाओं से जल्दी अनुभव विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2.4 करोड़ (24 मिलियन लोग) या 300 में से 1 व्यक्ति (0.32%) पीड़ित हैं। वयस्कों में यह दर 222 में से 1 हैं, या 0.45 फीसदी हैं। कई अन्य मानसिक विकारों की तुलना में यह कम प्रचलित है। इसकी शुरुआत किशोरावस्था से लेकर 20 साल की उम्र में होती है। पुरुषों को अक्सर महिलाओं की तुलना में जल्दी शुरुआत का अनुभव होता है। सिंगापुर में 116 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है। भारत में मेंटल हेल्थ से

Haryana

कुरुक्षेत्र में बेटे ने की मां की हत्या: नाबालिग ने कुल्हाड़ी से किया वार, महिला का पति से हो चुका है तलाक

जिला के लाडवा में एक नाबालिग बेटे ने अपनी मां को कुल्हाड़ी से वार कर मौत के घाट उतार दिया।

Haryana

हांसी पुलिस ने अनाथ आश्रम में मनाई दीपावली:एसपी ने बुजुर्गों-बच्चों संग खुशियां बांटी खुशियां, बोले- जरुरतमंदों के जीवन में उजाला फैलाना भी दिवाली

हिसार के हांसी में दीपावली के अवसर पर पुलिस ने अपने समाज के जरूरतमंदों के बीच जाकर खुशियां साझा की है। पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन, उप पुलिस अधीक्षक विनोद शंकर और थाना शहर हांसी के प्रभारी इंस्पेक्टर सदानंद ने शिव शक्ति अनाथ आश्रम, बरवाला फ्लाईओवर के समीप पहुंचकर वहां रह रहे युवाओं और बुजुर्गों के साथ दीपावली पर्व मनाया। पुलिस अधीक्षक अमित यशवर्धन ने इस अवसर पर कहा कि दिवाली का सच्चा अर्थ केवल घरों में दीप जलाना नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के जीवन में भी उजाला फैलाना है। उन्होंने बताया कि जब समाज के ऐसे बच्चों और बुजुर्गों के साथ समय बिताया जाता है, तो सच्ची खुशी और आत्मसंतोष का अनुभव होता है। उप पुलिस अधीक्षक विनोद शंकर ने बच्चों से बातचीत की और उन्हें मेहनत व शिक्षा के महत्व के बारे में प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा देश का भविष्य है और उनमें आत्मविश्वास तथा उज्जवल भविष्य की भावना जगाना हम सभी का कर्तव्य है। समाज की संवेदनशील साथी भी पुलिस : प्रभारी इंस्पेक्टर थाना शहर हांसी के प्रभारी इंस्पेक्टर सदानंद ने बताया कि दिवाली पर मिठाई और उपहार बांटने का उद्देश्य यह संदेश देना था कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था की रक्षक नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशील साथी भी है। हांसी पुलिस की इस पहल ने समाज को मानवता, प्रेम और साझी खुशियों का संदेश दिया। पुलिस अधीक्षक ने सभी युवाओं और बुजुर्गों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हांसी पुलिस हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के साथ खड़ी रहेगी।

Haryana

कुरुक्षेत्र में विवाहिता के सुसाइड का मामला:आज शव का पोस्टमॉर्टम होगा, पति से अलग बेटी के साथ रहती थी महिला

कुरुक्षेत्र में ढांड रोड पर सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर में कूदकर विवाहिता ने सुसाइड कर लिया। महिला को नहर में कूदते देख गोताखोरों की टीम भी उसके पीछे नहर में उतर गई और उसे बाहर निकाल लिया। महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान रीना (40) पत्नी सतपाल निवासी कर्ण टिल्ला मिर्जापुर के रूप में हुई है। महिला मंगलवार शाम करीब 4 बजे अपने घर से निकली थी। कुछ देर बाद उसने मिर्जापुर पुल से नहर में छलांग लगा दी। महिला को नहर में कूदते देख गोताखोर प्रगट सिंह की टीम भी नहर में उतर गई। करीब 7 मिनट के अंदर टीम ने उसे नहर से बाहर निकाल लिया। अस्पताल में मौत गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि रीना को तुरंत एम्बुलेंस के जरिए LNJP अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने जांच करके उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पाकर पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पति से अलग रहती थी रीना रीना के देवर के मुताबिक, उसकी भाभी रीना और भाई सतपाल अलग-अलग रहते थे। उसकी भाभी कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रही थी। उसका अस्पताल से इलाज चल रहा था। रीना अपनी एक बेटी के साथ रहती थी, जबकि उसका भाई सतपाल अपनी 2 बेटियों के साथ रहता है। आज होगा शव का पोस्टमॉर्टम उधर, केयूके थाना के अंतर्गत ज्योतिसर चौकी पुलिस रीना के परिजनों से पूछताछ कर रही है। उनके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी और शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है।

Haryana

हरियाणा में भीषण हादसा: रोड रोलर से भिड़ी कार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बेटे समेत चार की मौत; देखें वीडियो

हरियाणा के सोनीपत स्थित बरोदा क्षेत्र थाना में रुखी टोल प्लाजा के पास शनिवार की देर शाम तेज रफ्तार रोड रोलर से भिड़ गई।

Scroll to Top