Actionpunjab

Action Punjab Logo
Breaking News

जन

Haryana

राहुल ने दी जान: युवक की बहनों संग न्यूड फोटो और वीडियो…पाकिस्तानी नंबर से ब्लैकमेल; व्हाट्सएप चैट से खुलासा

सेक्सटॉर्शन गैंग की धमकियों से परेशान हो ओल्ड फरीदाबाद की बसेलबा कॉलोनी के युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतका 19 साल का राहुल बी-कॉम का छात्र था।

Haryana

सिरसा में दो बहनें लेंगी जैन दीक्षा:8 साल से वैराग्य जीवन, 2026 में करेंगी दीक्षा ग्रहण, पंजाब की रहने वाली

पंजाब के जालंधर की रहने वाली दो सगी बहनें आराध्या जैन (18) और कृतिका जैन (17) ने सांसारिक मोह-माया त्यागकर जैन दीक्षा ग्रहण करने का निर्णय लिया है। वे 22 फरवरी 2026 को पंजाब के मलेरकोटला में आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी महाराज की आज्ञानुसार दीक्षा लेंगी। ये दोनों बहनें पिछले आठ सालों से महासाध्वी स्वाति जी महाराज की शिष्याओं के रूप में वैराग्य जीवन जी रही हैं। उनके इस निर्णय को जैन समाज में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। दोनों बहनों का हुआ तिलक अभिनंदन रविवार को रानियां स्थित जैन धर्मशाला में दोनों वैराग्य बहनों का तिलक अभिनंदन समारोह श्रद्धापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर महासाध्वी स्वाती जी महाराज ठाणा-5 के सान्निध्य में दोनों बहनों को पारंपरिक रीति से अलंकृत किया गया। समारोह से पहले, रानियां नगर में एक ओपन गाड़ी में सजी हुई दोनों वैराग्य बहनों की शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा ढोल-नगाड़ों, जयकारों और पुष्प वर्षा के बीच मुख्य बाजारों से होकर गुजरी। श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक नृत्य करते हुए इन बाल वैराग्य का अभिनंदन किया। इस अवसर पर महासाध्वी स्वाती जी महाराज ने अपनी गुरुणी स्वर्ण कांता जी महाराज की जीवन गाथा पर प्रकाश डाला। आराध्या जैन ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मन में बचपन से ही जैन धर्म के प्रति गहरी आस्था थी। उन्होंने बताया कि वे भौतिक वस्तुओं से विरक्त थीं और गुरुणी स्वाती जी महाराज की शरण में आने के बाद उन्हें धर्म, तपस्या और त्याग का वास्तविक अर्थ समझ में आया।

Haryana

ASI Suicide Case: 'ADGP परिवार की ऊंची पहुंच बताकर धमकाया..', पत्नी का एक और नया खुलासा; इस कारण पति ने दी जान

एएसआई संदीप लाठर की मौत के 10 दिन बाद वायरल हुई एफआईआर में पत्नी संतोष ने एडीजीपी वाई पूरण कुमार के गनमैन सुशील कुमार व आईजी दफ्तर में एसआईएस (सिक्योरिटी ऑफिसर) सुनील कुमार पर पूरण के परिवार की ऊंची पहुंच बताकर धमकी देने के आरोप लगाए हैं।

Haryana

HSGMC के पूर्व सदस्य के घर पर हमला:डीसी-एसपी से मिलकर कार्रवाई की मांग, बोले- आरोपियों ने दी जान से मारने की धमकी

हिसार में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) के पूर्व सदस्य जत्थेदार सरदार सुखसागर सिंह के आवास पर हुए हमले के मामले में सिख समुदाय के प्रतिनिधि गुरुवार को जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से मिले। उन्होंने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सरदार सुखसागर सिंह ने अधिकारियों को बताया कि 17 अक्टूबर की रात करीब 1:30 बजे 10-15 हथियारबंद लोगों ने उनके डाबड़ा चौक स्थित घर पर हमला किया। हमलावरों ने फायरिंग की, गाली-गलौच की और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने घर की ओर आग के गोले भी फेंके। उन्होंने बताया कि घटना की शिकायत उसी रात पुलिस को दी गई थी, लेकिन अब तक किसी आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर समुदाय के लोगों ने डीसी और एसपी से मिलकर मामले में कड़ी कार्रवाई और परिवार की सुरक्षा की मांग की। तत्काल गिरफ्तारी की मांग सरदार सुखसागर सिंह ने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, आपराधिक धमकी, दंगा और आग्नेयास्त्रों के प्रयोग जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। जिला उपायुक्त और एसपी ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सिख समाज ने सुखसागर सिंह और उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी दोहराई।

Haryana

पूर्व DGP के बेटे को जो बीमारी, वो कितनी खतरनाक:हाथरस में 11 साल के लड़के के मर्डर की वजह यही; जान देना-लेना आम बात

यूपी में सहारनपुर के रहने वाले पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्टूबर की देर रात पंचकुला में मौत हो गई। तब परिवार ने कहा था- दवाओं के ओवरडोज से मौत हुई। मौत के दो दिन बाद बेटे का वीडियो सामने आया, जिसमें उसने कहा कि मेरी पत्नी मेरी नहीं है, मेरे डैडी की है। अब पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि मेरे बेटे अकील को करीब 18 साल से साइकोटिक डिसऑर्डर था। वो नशा भी करता था। 2007 में उसकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। ऐसे में सवाल ये की क्या होता है साइकोटिक डिसऑर्डर? इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति को कौन-कौन सी हो सकती है बीमारी ? इसके लक्षण क्या हैं? कितनी खतरनाक होती है बीमारी? क्या कहती है स्टडी ? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में सारे सवालों के जवाब… पहले पढ़िए ये मामला साल 2024 में हाथरस में 14 साल के लड़के ने एक 11 साल के लड़के की हत्या कर दी थी। पुलिस ने अपनी जांच-पड़ताल में इस मामले का खुलासा किया। इस केस को लेकर मनोरोग विशेषज्ञों ने बताया कि अक्सर ऐसे लोग सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होते हैं। इस केस में पुलिस ने खुलासा किया की बच्चा स्कूल के हॉस्टल में रहता था। वह स्कूल से घर जाना चाहता था, उसने कभी पहले मोबाइल पर देखा था कि किसी छात्र की मौत हो जाने पर स्कूल बंद हो जाता है तो उसने भी घर जाने के लिए यही तरीका अपनाया। सोते समय कृतार्थ की अंगोछे से गला दबाकर हत्या कर दी। किसको साइकोटिक और न्यूरोसिस कहते हैं? वाराणसी में BHU के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ संजय गुप्ता बताते है- जब किसी व्यक्ति की जजमेंट (निर्णय लेने की क्षमता) और इनसाइट (अपने मानसिक स्थिति को समझने की क्षमता) प्रभावित हो जाती है, तो इसे साइकोटिक कहा जाता है। जब व्यक्ति की जजमेंट और इनसाइट सामान्य रूप से ठीक रहती है, तो इसे न्यूरोसिस कहा जाता है। इसमें व्यक्ति अपने मानसिक तनाव या चिंता को पहचान सकता है। हालांकि परेशानी या चिंता होती है, लेकिन वास्तविकता की समझ बनी रहती है। क्या होती है साइकोटिक डिसऑर्डर बीमारी? गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अमित शाही बताते है- साइकोटिक डिसऑर्डर एक बीमारी है। इसमें मरीज वास्तविकता से कट जाते हैं और काल्पनिक दुनिया में जीते है। उन्हें भ्रम या भ्रमित ध्वनियां/चित्र दिख/सुनाई दे सकते हैं। अमित शाही के अनुसार, इस डिसऑर्डर के अंदर करीबन 20 तरह की बीमारियां डाइग्नोसिस होती है। उनमें से एक सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर भी होता है। जैसे 2018 का बुराड़ी हत्याकांड, इसमें भी परिवार को ‘शेयर्ड साइकोसिस डिसऑर्डर’ था। इस केस में परिवार के लोग सोचते हैं कि उस व्यक्ति में खास शक्तियां हैं। ऐसे लोग परिवार के दूसरे सदस्यों पर भी प्रभाव डालते हैं। फिर वो भी कुछ-कुछ ऐसा ही अनुभव करने लगते हैं और खुद को सच्चाई से दूर ले जाते हैं। हालांकि डॉक्टर बताते है कि इस केस में डाइग्नोसिस नहीं हुआ है कि क्या बीमारी है। लेकिन इसके लक्षणों को देखकर कहा जा सकता है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो सकता है। सिजोफ्रेनिया क्या है? गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ अमित शाही बताते है- सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है। इस बीमारी में मरीज अक्सर वास्तविक दुनिया से कट जाते हैं और अपनी ही दुनिया में रहने लगते हैं। हर मरीज के लक्षण अलग होते हैं, जैसे कानों में आवाज आना, अकारण संदेह करना, अपने में बात करना, बिना बात के हंसना, रोना आदि। कुछ लोग काल्पनिक दुनिया में रहते हैं और उनके विचार वास्तविकता से अलग होते हैं। इस वजह से उनकी भावनाएं, व्यवहार और रोजमर्रा की क्षमता प्रभावित होती है। वे अपने दिल की बात सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते और जीवन में रुचि कम हो जाती है। कभी-कभी वे छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत अधिक भावुक या परेशान हो जाते हैं। मानव मस्तिष्क में डोपामाइन नाम का न्यूरो ट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर में बीच तालमेल बिठाता है। कई बार डोपामाइन केमिकल किन्हीं वजहों से जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तब सिजोफ्रेनिया की समस्या उत्पन्न होती है। सिजोफ्रेनिया से कैसे करें? बचाव बीएचयू के डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं- सिजोफ्रेनिया का इलाज अब उपलब्ध है। इसके लिए जरूरी है कि मरीज का अच्छे से ख्याल रखा जाए। घर परिवार के लोगों के बीच में रहे। मरीज को समय-समय पर मनोरोग विशेषज्ञ जरूर मिलाएं। इलाज में कोई गैप न करें। ये लंबे वक्त तक चलने वाली बीमारी है। सिजोफ्रेनिया में रिकवरी 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं हो पाती है, लेकिन इलाज लंबे वक्त चलाया जाए तो 90 प्रतिशत तक रिकवरी हो जाती है। भारत में पहली बार सिजोफ्रेनिया की सर्जरी साल 2023 में गुरुग्राम के मरेन्गो एशिया अस्पताल में एक 28 वर्षीय अफ्रीकी मरीज पर DBS तकनीक का उपयोग करके सिजोफ्रेनिया का इलाज किया गया। व्यक्ति 13 साल की उम्र से इस बीमारी से पीड़ित था। यह भारत में इस प्रकार की पहली सर्जरी थी और वैश्विक स्तर पर भी इस प्रक्रिया को केवल 13 बार ही किया गया है। डीप ब्रेन स्टीमुलेशन (DBS) क्या है? डीप ब्रेन स्टीमुलेशन (DBS) एक नई सर्जिकल तकनीक है, जिसमें मस्तिष्क के खास हिस्सों में छोटे इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। ये इलेक्ट्रोड ब्रेन की असामान्य गतिविधियों को नियंत्रित करने और संतुलन बहाल करने के लिए हल्की बिजली भेजते हैं। इस ऑपरेशन में लगभग 8-10 घंटे लगते हैं। इसके बाद मरीज को रातभर आईसीयू में रखा जाता है। ऑपरेशन के अगले ही दिन से मरीज चलने-फिरने में सक्षम हो जाता है और उसके लक्षणों में करीब 50-60% तक सुधार दिखाई देता है। सिजोफ्रेनिया पुरुषों को महिलाओं से जल्दी अनुभव विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2.4 करोड़ (24 मिलियन लोग) या 300 में से 1 व्यक्ति (0.32%) पीड़ित हैं। वयस्कों में यह दर 222 में से 1 हैं, या 0.45 फीसदी हैं। कई अन्य मानसिक विकारों की तुलना में यह कम प्रचलित है। इसकी शुरुआत किशोरावस्था से लेकर 20 साल की उम्र में होती है। पुरुषों को अक्सर महिलाओं की तुलना में जल्दी शुरुआत का अनुभव होता है। सिंगापुर में 116 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है। भारत में मेंटल हेल्थ से

Haryana

मातम में बदली खुशियां: सड़क हादसे में युवक की मौत, नौ दिन बाद पढ़ाई के लिए जाना था विदेश

19 साल के युवक की सड़क हादसे में मौत का मामला सामने आया है। युवक पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाला था।

Haryana

फेस्टिवल सीजन में अंबाला से घर जाना मुश्किल:जनरल टिकट पर एसी और स्लीपर में कर रहे सफर, रेलवे पुलिस सतर्क

त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। अंबाला कैंट स्टेशन से बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों में सीटें पूरी तरह फुल हैं। स्थिति यह है कि कई यात्री मजबूरी में जनरल टिकट लेकर एसी और स्लीपर कोच में सफर करने को मजबूर हैं। रेलवे पुलिस और टीटीई के बार-बार समझाने के बावजूद यात्री किसी तरह घर पहुंचने की जिद पर अड़े हैं। अंबाला कैंट स्टेशन पर शनिवार और रविवार को पटना, दरभंगा, भागलपुर, सहरसा और गोरखपुर जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। प्लेटफॉर्म पर यात्री फर्श तक बैठे नजर आए। कई लोग ट्रेनों में चढ़ने के लिए खिड़कियों और दरवाजों से अंदर जाने की कोशिश करते दिखे। त्योहारों के चलते इन ट्रेनों में आरक्षित सीटें कई दिन पहले ही खत्म हो चुकी हैं। सीनियर डीसीएम एनके झा ने बताया कि अंबाला से होकर जाने वाली गरीब रथ, अमृतसर-सहरसा एक्सप्रेस, जन सेवा एक्सप्रेस, अवध असम एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची 200 से ऊपर पहुंच गई है। स्थिति को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने अतिरिक्त डिब्बे जोड़ने और विशेष ट्रेनें चलाने के प्रस्ताव भेजे हैं, लेकिन भीड़ के हिसाब से यह इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। यात्रियों ने बताया कि घर जाने के लिए वे कई दिनों से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। कुछ लोग बसों का रुख कर रहे हैं, जहां किराया कई गुना बढ़ चुका है। वहीं, जो लोग जनरल टिकट लेकर सफर कर रहे हैं, वे एसी और स्लीपर कोच में टीटीई से बहस करते नजर आए। रेलवे पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे जनरल टिकट पर आरक्षित डिब्बों में यात्रा न करें, क्योंकि इससे न केवल अव्यवस्था बढ़ती है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा रहता है। त्योहारों को देखते हुए स्टेशन पर अतिरिक्त पुलिस बल और रेलवे स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है ताकि किसी प्रकार की अफरा-तफरी न हो। डीआरएम विनोद भाटिया ने बताया कि यदि अधिक भीड़ बढ़ती है तो स्टेशन पर व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। जिससे यात्रियों को असुविधाना हो रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है।

Haryana

Haryana Crime: स्कूटी सवार बदमाशों ने कनपटी पर लगाई पिस्टल, लूटा 5.25 लाख कैश, जानें पूरा मामला

बादली-बहादुरगढ़ रोड पर गेट टावर के पास देर रात स्कूटी सवार तीन लुटेरों ने पिस्तौल के बल पर कार सवार पवन से 5.25 लाख रुपये लूट लिए और फरार हो गए।

Haryana

Haryana: घर के बाहर खड़ी बाइकों को बदमाशों ने लगाई आग, शिकायतकर्ता से मांगी फिरौती, जान से मारने की दी धमकी

छिपटवाड़ा में दिनदहाड़े दो युवकों ने एक घर के बाहर खड़ी दो बाइकों को ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया।

Scroll to Top