Actionpunjab

Action Punjab Logo
Breaking News

सरकर

Haryana

नारनौल मंडी में नहीं बिक रहा किसानों का बाजरा:बारिश से हुआ खराब, सरकारी एजेंसी कर रिजेक्ट; किसान बोले- नहीं मिल रही एमएसपी

महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में इस बार बाजरे की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। निजी खरीद एजेंसी द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से कम दाम में खरीदा जा रहा है। ऐसे में किसान बाजरे को लेकर परेशान हैं। सरकारी एजेंसी ने केवल बाजरे के सैंपल ही लिए हैं। वहीं प्राइवेट एजेंसी इसको कम दामों में खरीद रहे हैं। सरकार द्वारा बाजरे की खरीद का कार्य शुरू किया गया है। नई मंडी में बाजरे की खरीद के लिए एजेंसियां निर्धारित की गई हैं। जहां पर बाजरे की सरकारी खरीद हो रही है। मगर इस बार बारिश अधिक होने के कारण बाजरा खराब हो गया। जिसकी वजह से सरकारी खरीद एजेंसी किसानों द्वारा लाए गए बाजरे को रिजेक्ट कर रही हैं। कम दाम में खरीद रहे बाजारा गांव मंडलाना निवासी किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि वैसे तो बाजरा की एमएसपी 2 हजार 775 रुपए प्रति क्विंटल है, मगर यहां पर जब वे बाजरा लेकर आए तो यहां पर उसके बाजरे के दाम प्राइवेट एजेंसी ने 1700 रुपए प्रति क्विंटल लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार खरीद के नाम पर ढकोसला कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को 2 हजार 775 रुपए नहीं मिल रहे। उन्होंने बताया कि कितना भी बढ़िया बाजरा हो, 1800 से ऊपर ले ही नहीं रहे। नहीं मिल रहा भावांतर बाजरा बेचने आई महिला किसान शशि यादव ने बताया कि किसान 5 से 6 दिन तक मंडियों में पड़ा रहता है, मगर उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही। उन्होंने कहा कि उनको न तो कोई भावांतर मिल रहा है, और न ही कोई मुआवजा मिला। सरकार एमएसपी पर खरीद करें और भावांतर स्कीम के तहत किसानों को उसकी फसल की भरपाई करें। सरकारी एजेंसी नहीं रही खरीद नारनौल अनाज मंडी में अपना बाजार लेकर पहुंचे किसानों का साफ तौर पर कहना है कि सरकार ने बाजरे को 2 हजार 775 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने की बात कही गई थी, लेकिन अब सरकारी एजेंसियां बाजार नहीं खरीद रही हैं। वहीं सरकार ने भावांतर की बात कही की जो किसान जे फार्म के द्वारा अपना बाजार बचेगा उसे भावांतर मिलेगा लेकिन प्राइवेट व्यापारी उनका बाजार 1800 से लेकर 2 हजार तक प्रति क्विंटल ही खरीद रहे हैं। मार्केट कमेटी सचिव बोलीं-भी तैयारियां पूरी हैं वहीं मार्केट कमेटी सचिव नकुल यादव का कहना है की मार्केट कमेटी द्वारा सभी तैयारियां पूरी हैं, सरकारी एजेंसी भी बाजार खरीदने के लिए पहुंच रही हैं, लेकिन जो बाजरा अब तक मंडी में आया है वह खराब होने के कारण एजेंसी द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया। जिसके चलते सरकारी खरीद नहीं हो पाई है अब तक तकरीबन 50 से 60 बाजरे की ढेरियां रिजेक्ट की गई हैं। अगर कोई बाजार सही पैमाने पर पास होता है तो उसे सरकारी एजेंसी द्वारा खरीदा जाएगा।

Haryana

भिवानी में बाजरे की खरीद शुरू नहीं, किसानों में असंतोष:कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष ने गांवों का दौरा किया; राज्य सरकार को घेरा

भिवानी कांग्रेस ग्रामीण जिला अध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने बुधवार को तोशाम क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को सुना। किसानों में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण भारी असंतोष है। चौधरी ने सरकार से जल्द से जल्द बाजरे की खरीद शुरू करने की मांग की। उन्होंने तोशाम, जुई और बाढड़ा अनाज मंडियों का भी दौरा किया। अपने दौरे के दौरान, अनिरुद्ध चौधरी ने मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। चौधरी ने डीएपी की कमी, खाद-बीज पर जीएसटी और अन्य किसान संबंधित मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की। किसानों ने अपनी परेशानी बताई किसानों ने अनिरुद्ध चौधरी के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने ट्रैक्टरों, खाद, बीज सहित तमाम कृषि उपकरणों और वस्तुओं पर भारी-भरकम टैक्स लगाए हैं। किसानों ने हर मुश्किल का सामना किया, लेकिन अब जब उनकी मेहनत की फसल (बाजरा) मंडियों में आई है, तो सरकार उसे खरीदने को तैयार नहीं है। किसानों ने इसे सरकार का दोहरा रवैया बताया। इस अवसर पर अनिरुद्ध चौधरी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो जनप्रतिनिधि पहले सरकार में अपनी मजबूत पकड़ का दावा करते थे, वे आज किसानों की बाजरे की खरीद शुरू करवाने में असमर्थ हैं। चौधरी ने किसानों द्वारा दोनों सांसदों की निष्क्रियता पर व्यक्त की गई गहरी निराशा का भी उल्लेख किया।

Haryana

हरियाणा आ सकते हैं पीएम मोदी: सैनी सरकार का पूरा हो रहा है एक साल, तैयारियों में जुटी भाजपा

सैनी सरकार का हरियाणा में एक साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है जिसको लेकर भाजपा जश्न मनाने जा रही है।

Haryana

रोहतक में CWC चेयरमैन बने एडवोकेट सतीश कौशिक:भाजपा सरकार ने सौंपी जिम्मेदारी, जल्द संभालेंगे कार्यभार, बच्चों के लिए करेंगे काम

रोहतक में भाजपा सरकार की तरफ से बाल कल्याण समिति के चेयरमैन की लिस्ट जारी की गई है, जिसमें एडवोकेट सतीश कौशिक को चेयरमैन की जिम्मेदारी मिली है। लिस्ट जारी होते ही सतीश कौशिक को बधाई देने वालों के मैसेज आने शुरू हो गए और लगातार बधाई संदेश दे रहे हैं। सरकार की तरफ से 25 अगस्त को प्रदेशभर के सभी जिलों में बाल कल्याण समिति के चेयरमैन की लिस्ट जारी की थी, जिसे कुछ समय बाद ही वापस ले लिया गया था। लिस्ट को वापस लेने का कारण यह बताया था कि उसमें कुछ लोगों को दोहरी जिम्मेदारी मिल गई है, जिसके कारण नए सिरे से लिस्ट तैयार करके जारी की जाएगी। अब सरकार की तरफ से दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई है। आरएसएस से जुड़े सतीश कौशिक एडवोकेट सतीश कौशिक 1998 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े हुए है और लगातार संघ के लिए काम कर रहे है। आरएसएस में लीगल सेल भी है, जिसमें एडवोकेट एडवोकेट सतीश कौशिक अधिवक्ता प्रसिद्ध के उपाध्यक्ष भी है। साथ ही भाजपा सरकार के कार्यों में भी लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। CWC चेयरमैन की जिम्मेदारी मिलने के बाद बच्चों के लिए करेंगे काम एडवोकेट सतीश कौशिक ने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें CWC चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई है, जिसके बाद अब वह बच्चों के लिए काम कर पाएंगे। जो लोग बच्चों का शोषण कर रहे है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बच्चों को एक बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे।

Haryana

बहादुरगढ़ में किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन:बाजरे की खरीद एमएसपी न करने पर रोष, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बहादुरगढ़ में ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (AIKKMS) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने आज रोहतक रोड पर सरकार की बाजरे की एमएसपी पर खरीद न करने की नीति के खिलाफ जोरदार रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भावांतर भरपाई योजना रद्द करो, दाना दाना खरीदो, 2775 रुपए प्रति क्विंटल दो जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान संगठन के प्रदेश कमेटी सचिव जयकरण मांडौठी ने कहा कि सरकार की एजेंसियों ने बाजरा खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं। किसानों को अब अपनी फसल 2775 रुपए प्रति क्विंटल के बजाय केवल 1850-1900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है। सरकारी खरीद न होने की वजह से उन्हें गेटपास और जे-फार्म नहीं मिल रहे, और भावांतर भरपाई के 575 रुपए प्रति क्विंटल के पैसे भी नहीं मिलेंगे। किसानों को 800-900 रुपए का नुकसान हो रहा इससे किसानों को हर क्विंटल पर लगभग 800-900 रुपए का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल अधिक वर्षा और खेतों में जलभराव के कारण फसल बर्बाद हो गई या उत्पादन घटकर लगभग 4 क्विंटल प्रति एकड़ रह गया है, जबकि पिछले साल औसत उत्पादन 8 क्विंटल प्रति एकड़ था। उन्होंने कहा कि बाजरे का रंग सफेद नहीं है, बल्कि काला, लेकिन इसका दोष किसान का नहीं है। नाजायज शर्तों को हटाकर 2775 रुपए पर खरीद की जाए जिला कमेटी के सदस्य रामकिशन और सतबीर सिंह बल्हारा ने सरकार से मांग की कि बाजरे की खरीद पर लगाई गई नाजायज शर्तों को हटाकर 2775 रुपए एमएसपी पर खरीद तुरंत शुरू की जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके। जिला कमेटी सदस्य लालजी और संदीप ने चेतावनी दी कि अगर सरकार अपने वायदे के तहत बाजरा नहीं खरीदेगी, तो संगठन बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए मजबूर होगा। इस विरोध प्रदर्शन में सोनू, मुकेश, राजेंद्र, प्रवीणकुमार, कमल, अमिताभ, विनोद, दलेल सहित कई अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए।

Haryana

हिसार के संजय लूहानीवाल को मिली चौथी सरकारी नौकरी:EPFO में हासिल की सफलता, ग्राम सचिव की भर्ती पर कोर्ट केस

हरियाणा के हिसार जिले के किरतान गांव के संजय लूहानीवाल को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में सामाजिक सुरक्षा सहायक के पद पर चौथी सरकारी नौकरी मिली है। यह उनकी लगातार कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुंबई में मिली थी पहली सरकारी नौकरी बता दें कि संजय को वर्ष 2022 में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) के सीजीएल परीक्षा पास करने के बाद भारतीय डाक में पोस्टल असिस्टेंट के पद पर मुंबई में पहली सरकारी नौकरी मिली थी। वर्ष 2024 में, उन्हें हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) में ग्रुप डी की दूसरी नौकरी मिली, जिसे उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। ग्राम सचिव की नौकरी नहीं की ज्वाइन वहीं जून 2025 में उन्हें हरियाणा में ग्राम सचिव की नौकरी मिली, लेकिन भर्ती पर कोर्ट केस के कारण वह इसे भी ज्वाइन नहीं कर पाए। संजय के पिता हरपाल सिंह हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। उनकी माता मंजू देवी गृहिणी हैं और छोटी बहन प्रीति सेंट्रल बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। सेल्फ स्टडी कर पाई सफलता संजय बताते है कि जरूरी नहीं है कि पढ़ाई के लिए महंगी कोचिंग ही ली जाए। विद्यार्थी घर बैठकर भी मेहनत करें, तो सफलता दूर नहीं है। मैंने रोजाना स्कूल के बाद करीब आठ घंटे सेल्फ स्टडी की है। आदमपुर के निजी स्कूल से नॉन मेडिकल में बारहवीं कक्षा पास की हिसार के डीएन कॉलेज से बैचलर इन कंप्यूटर एप्लिकेशन में पढ़ाई की। पहले सचिन भी पा चुके चार नौकरी हिसार जिले डोभी गांव के एक युवक ने हरियाणा सरकार की भर्ती में 4 बार नौकरी लग चुकी है। इनमें 3 बार सरकारी और एक बार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर मिली नौकरी शामिल है। सचिन सुथार को सबसे पहले सरकारी तौर पर पंचायत लोकल ऑपरेटर की नौकरी मिली थी। इसके बाद गणित टीचर और फिर पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा पास करने में वह कामयाब रहा था। अब हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के जरिए मैथ्स के लेक्चरर की नौकरी कर रहा है। सचिन का कहना है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक रुकने वाले नहीं हैं।

Haryana

बाजरा की सरकारी खरीद में देरी: एजेंसियों के लिए नियम बने रोड़ा, दादरी के आढ़ती और किसानों की बढ़ी चिंता

जिले की अनाज मंडी में बाजरा की सरकारी खरीद में देरी से किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Haryana

बहादुरगढ़ में 6 सेक्टरों को जोड़ने वाली सड़क बनेगी:200 फुटा मास्टर रोड पर 3.51 करोड़ की राशि होगी खर्च, सरकार ने दी प्रशासकीय स्वीकृति

बहादुरगढ़ में 6 सेक्टरों को जोड़ने वाली 200 फुटा मास्टर रोड का पुन निर्माण किया जाएगा। पांच साल से जर्जर इस सड़क को चकाचक करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(HSVP) की ओर से 3.51 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। HSVP मुख्यालय की ओर से इसकी स्वीकृति दे दी गई है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करके इस सड़क को बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। एनसीआर क्षेत्र में हरियाणा के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में शुमार बहादुरगढ़ की मास्टर रोड जल्द ही नई शक्ल में दिखाई देगी। दिल्ली-हरियाणा अंतरराज्यीय सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग-9 से जुड़ा यह शहर न केवल औद्योगिक पहचान रखता है, बल्कि यहां HSVP द्वारा कई आवासीय सेक्टर विकसित किए गए हैं। इनमें सेक्टर 2, 6, 7, 9, 9ए, 10, 11, 12 और 13 प्रमुख हैं, जहां आंतरिक सड़कों, सेक्टर डिवाइडिंग रोड और अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया गया है। वर्ष 2019 में बनाई गई थी सड़क हो चुकी जर्जर शहर के सेक्टर-5/15, 4/4ए और 3ए/3बी को जोड़ने वाली सेक्टर डिवाइडिंग रोड वर्ष 2019 में बनाई गई थी। लेकिन समय के साथ इस मास्टर रोड की हालत काफी खराब हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। इससे न केवल आवागमन में बाधा बन रही हैं बल्कि सड़क सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा पैदा कर रही हैं। यही कारण है कि इस सड़क की मरम्मत की मांग लंबे समय से की जा रही थी। कई प्राइवेट कालोनियां हैं इस रोड पर इस मास्टर रोड पर ओमेक्स, केएलजे, आरपीएस, फोर्टेशिया समेत कई प्राइवेट कालोनियां पड़ती हैं। यहां पर हजारों लोग रहते हैं। यहां के निवासियों और स्थानीय संगठनों की शिकायतें लगातार जिला प्रशासन और सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकों में उठाई जाती रही हैं। खराब सड़क की वजह से सेक्टरवासियों को दिक्कतें उठानी पड़ रही थीं। अब सरकार ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए मास्टर रोड की विशेष मरम्मत के लिए 3.51 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है। सड़क बनने से आवागमन होगा सुगम HSVP के SDO कृष्ण मालिक ने जानकारी दी कि यह सड़क छह सेक्टरों को आपस में जोड़ेगी और इसके बनने से आवागमन सुगम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उसके बाद काम आरंभ कर दिया जाएगा। सड़क की गुणवत्ता को लेकर इस बार विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में इसकी हालत जल्दी न बिगड़े।

Haryana

पानीपत में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को घेरा:किसान विरोधी होने का आरोप लगाया, बोले- फसलों की खरीद सुनिश्चित करने के विफल रही

पानीपत जिले के समालखा में रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान अभी बाढ़ की मार से उबर नहीं पाया है और अब उसे सरकारी नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने के अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। सांसद हुड्डा समालखा दौरे के दौरान पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर के जीटी रोड स्थित कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व विधायक के भाई कंवर सिंह छौक्कर, इसराना के पूर्व विधायक बलबीर वाल्मीकि, करहंस के पूर्व सरपंच यशपाल सहरावत, नरेंद्र भापरा और राजेश किवाना सहित कई कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। किसानों को उपज कम दामों पर बेचनी पड़ रही है दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि सरकारी खरीद बंद होने के कारण किसानों को अपनी उपज कम दामों पर बेचनी पड़ रही है। मंडियों में सरकारी खरीद न होने से किसानों को धान 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल कम रेट पर बेचनी पड़ रही है। सरकारी एजेंसियां नमी का बहाना बनाकर खरीद से इनकार कर रही हैं, जिससे किसानों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। धान किसानों को 3100 रुपए क्विंटल का रेट देने का वादा उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा ने चुनाव से पहले धान किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल का रेट देने का वादा किया था, जो पिछले और इस सीजन में भी पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मंडियों में धान की आवक तेज है, लेकिन खरीद न होने से किसान परेशान हैं। फसलों की खरीद समय पर न होने से किसान मंडियों में भटक रहे धान, बाजरा, कपास और अन्य फसलों की सरकारी खरीद समय पर न होने से किसान मंडियों में भटक रहे हैं। उपज खुले आसमान के नीचे खराब हो रही है। कई जगहों पर पोर्टल वेरिफिकेशन न होने से गेट पास नहीं बन पा रहे हैं, और कहीं राइस मिलर्स के रजिस्ट्रेशन की समस्या है। इस अव्यवस्था का फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं। हुड्डा ने बताया कि 2369 रुपए एमएसपी वाली धान को 1900 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर खरीदा जा रहा है।

Haryana

हरियाणा के सरकारी कर्मी करप्ट: हर दूसरे दिन पकड़े जा रहे… पुलिस महकमा नंबर वन, हैरान कर देंगे ये आंकड़े

हरियाणा में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का ये आलम है कि औसतन हर दो दिन में एक सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए दबोचा जा रहा है।

Scroll to Top